आपने देखा होगा कि कुछ तिथियों पर चावल बनाने की मनाही होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ज्योतिष में कुछ ऐसी तिथियों का वर्णन मिलता है, जिन पर रोटी बनाने की भी मनाही होती है। वहीं अगर आप इन दिनों में रोटी बनाते हैं तो मां लक्ष्मी और मां अन्नपूर्णा रुष्ट हो सकती है, जीवन में दरिद्री छा सकती है। साथ ही धन धान्य की कमी बनी रहती है। आइए जानते हैं ऐसे 5 मौके के बारे में जिसमें रोटी बनाना वर्जित माना गया है…
नागपंचमी के दिन
शास्त्रों में नागपंचमी के दिन रोटी बनाने की मनाही है। वहीं अगर आप इस दिन रोटी बनाते हैं तो आपके जीवन में दरिद्री छा सकती है। साथ ही मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं। क्योंकि नाग पंचमी के दिन रसोई में तवा नहीं रखना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार, तवे को नाग के फन का प्रतीक माना जाता है। इसलिए आप चाहे तो किसी और बर्तन में खाना बना सकते हैं।
किसी की मृत्यु होने परी
अगर आपके घर मं किसी की मृत्यु हो जाती है, तो आपको 13 दिनों तक रोटी नहीं बनानी चाहिए। वहीं अगर आपको रोटी बनानी है तो आप तेरहवीं संस्कार के बाद बना सकते हैं। वहीं अगर आप तेरहवीं से पहले रोटी बनाते हैंं, तो आपके जीवन में सुख- समृद्धि का अभाव रह सकता है।
दीपावली के दिन
दीपावली के दिन घर में रोटी नहीं बनानी चाहिए। इस दिन पकवान बनाने चाहिए। वहीं अगर आप इस दिन रोटी बनाते हैं तो मां लक्ष्मी के साथ- साथ अन्नपूर्णा मां नाराज हो सकती हैंं। इसलिए इस दिन पकवान बनाने का विधान चला आ रहा है।
शरद पूर्णिमा का दिन
शरद पूर्णिमा के दिन भूलकर भी रोटी या कच्चा खाना नहीं बनाना चाहिए। क्योंकि इस दिन स्वंय मां लक्ष्मी का प्राकट्य हुआ था। इसलिए इस दिन खीर और पूरी बनानी चाहिए। वहीं इस दिन खीर को चांद की रोशनी में रखने का विधान है। क्योंकि मान्यता है कि इस दिन चांद की रोशनी से अमृत निकलता है।
शीतला अष्टमी पर
शीतला अष्टमी के दिन भूलकर भी रोटी नहीं बनानी चाहिए। क्योंकि इस दिन माता को बासी खाने का भोग लगाया जाता है और भोग के बाद बचे खाने को प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है। इस दिन घर में रोटी या कोई ताजा भोजन भी नहीं बनाना चाहिए।
यह भी पढ़ें: