Satya Sai Baba: दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में लगभग 178 देशों में सत्य साईं बाबा के भक्त हैं। भक्तों द्वारा कहा जाता है कि सत्य साईं अपने जिंदगी के साथ भी और बाद भी अपने भक्तों के साथ हैं। उन्हें शिर्डी के साईं बाबा का अवतार माना जाता है। सत्य साईं का जन्म 23 नवंबर, 1926 को आंध्रप्रदेश के पुट्टपर्थी गांव में हुआ था और 24 अप्रैल, 2011 को उन्होंने संसार को अलविदा कहा था।

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आज भी सत्य साईं को उनके भक्त भगवान की तरह पूजते हैं। भक्तों द्वारा बताया जाता है कि उनकी माता जी ने भगवान सत्य नारायण की पूजा की थी और पूजा के अंत में जब प्रसाद ग्रहण किया तो उसके कुछ समय बाद बाबा का जन्म हुआ। यह भी कहा जाता है कि बाबा के जन्म के साथ ही घर में पड़े सभी वाद्ययंत्र अपने आप बजने लगे।

सत्य साईं बाबा ने खुद को कहा शिर्डी का ‘साईं अवतार’

बताया जाता है कि बाबा बचपन से बहुगुणी प्रतिभा के धनी थे। 8 साल की उम्र में सुंदर भजनों की रचना करने में महारथ हासिल हो गई थी। 14 वर्ष की उम्र में 23 मई 1940 को उन्होंने खुद के बारे में कहा था ‘मैं शिवशक्ति स्वरूप, शिरडी साईं का अवतार हूं’। ऐसा बोलकर उन्होंने मुट्ठी भर चमेली के फूलों को हवा में उछाला, जो जमीन पर गिरे तो तेलुगू में लिखा गया ‘साईंबाबा’। यह बात पूरे देश में आग की तरह फैल गई।

बताया जाता है कि जब वह हाईस्कूल में थे तो उन्हें किसी बिच्छू ने काट लिया था, जिसके बाद वह लंबे समय तक कोमा में रहे। कोमा से वापस आने के बाद उनके व्यवहार में अजीब परिवर्तन देखने को मिला। उन्होंने खाना पीना छोड़ अपना सारा समय श्लोक एवं मंत्रों का उच्चारण करके व्यतीत करने लगे।

सत्य साईं के भक्तों में प्रधानमंत्री मोदी से लेकर कई महान हस्तियां शामिल

हैदराबाद में सचिन ने बाबा के निधन की खबर के बाद खुद को होटल के कमरे में बंद कर लिया था। सचिन की माताजी भी बाबा की भक्त हैं और इसी कारण साईं के लिए उनके दिल में गहरा लगाव है। सत्य साईं बाबा के निधन के बाद 21 अप्रैल 2011 को सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) जब पत्नी अंजली के साथ पुट्टपर्थी पहुंचे थे तो अंतिम दर्शन के दौरान सचिन की आंखों से आंसू रोके नहीं रुक रहे थे। आपको बता दें कि क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने सचिन की मुलाकात सत्य साईं बाबा से कराई थी।

इसके अलावा उनके भक्तों में वीआईपी भक्तों की फेहरिस्त बहुत लंबी हैं। पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हाराव, अटल बिहारी वाजपेयी, मनमोहन सिंह पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम, गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी, वीएचपी के अशोक सिंधल, ऐश्वर्या राय बच्चन, क्रिकेटर अर्जुन रणतुंगा, सनथ जयसूर्या, गुंडप्पा विश्वनाथ, पूर्व एयर चीफ मार्शल निर्मल चन्द्र सूरी और आरएसएस के सभी बड़े नेता उनके दरबार में जाते थे।

प्रधानमंत्री बनने के बाद भी मिले थे नरेंद्र मोदी

साईं बाबा ऑफ इंडिया के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी का सत्य साईं बाबा के साथ लगभग 30 वर्षों का जुड़ाव था। प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी दक्षिण भारत में सत्य साईं से भेंट किए थे। सत्य साईं ने मोदी को लेकर कहा था कि मैं इतना खुश हूँ कि मोदी में सार्वजनिक रूप से स्वीकार करने और आभार व्यक्त करने की हिम्मत है। दरअसल सत्य साईं ने 2004 में मोदी से कहा था कि वह देश के प्रधानमंत्री बनेंगे।

बाबा के चमत्कारों पर उठते रहे सवालिया निशान

बाबा के चमत्कारों को अक्सर हाथों की कलाकारी मानकर उनपर संदेह प्रकट किया जाता रहा है। जादूगर पीसी सरकार जूनियर ने तो उनको लेकर यहां तक कहा था, “वो कोई बाबा नहीं है; वो जादूगर है। वो भी अच्छा नहीं है। वो इतना बेकार है कि जादूगरों का नाम बर्बाद कर रहा है।”

आज भी सत्य साईं के भक्तों का दावा है कि घर में मांगलिक कार्य करते हुए बाबा की आत्मिक उपस्थिति भी अनुभव होती है। पीले लिफाफे पर स्वास्तिक चिन्ह के साथ बाबा का आशीर्वाद भी मिलता है। इसके अलावा देश-विदेश में रहने वाले साईं भक्तों के घर में सभी देवी-देवताओं की प्रतिमाओं अथवा चित्रों से विभूति, कुमकुम, हाथों की छाप मिलना, अदृश्य होकर प्रसाद ग्रहण करना, शहद, रोली, गुलाल निकलना आदि किस्से सुने जा सकते हैं।