Pradosh Vrat 2025: वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि इस बार सोमवार, 03 नवंबर, सोमवार को पड़ रही है। इस दिन सोम प्रदोष व्रत रखा जाएगा। सोमवार का दिन स्वयं भगवान शिव को समर्पित माना जाता है, ऐसे में इस दिन का महत्व और भी अधिक हो जाता है। इस शुभ अवसर पर भक्तजन भगवान शिव और माता पार्वती की श्रद्धा पूर्वक पूजा-अर्चना करेंगे और व्रत रखेंगे। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होता है। वहीं इस दिन पूजा के बाद भगवान शिव के इन 108 नामों का जाप करना बेहद शुभ माना जाता है। कहते हैं कि इस दिन नाम जाप करने से दुख, संकट और रोगों से मुक्ति मिलती है और धन लाभ के योग बनते हैं।

भगवान शिव के 108 नाम (Lord Shiva 108 Names)

ॐ महाकाल नमः

ॐ रुद्रनाथ नमः

ॐ भीमशंकर नमः

ॐ नटराज नमः

ॐ प्रलेयन्कार नमः

ॐ चंद्रमोली नमः

ॐ डमरूधारी नमः

ॐ चंद्रधारी नमः

ॐ भोलेनाथ नमः

ॐ कैलाश पति नमः

ॐ भूतनाथ नमः

ॐ नंदराज नमः

ॐ नन्दी की सवारी नमः

ॐ ज्योतिलिंग नमः

ॐ मलिकार्जुन नमः

ॐ भीमेश्वर नमः

ॐ विषधारी नमः

ॐ बम भोले नमः

ॐ विश्वनाथ नमः

ॐ अनादिदेव नमः

ॐ उमापति नमः

ॐ गोरापति नमः

ॐ गणपिता नमः

ॐ ओंकार स्वामी नमः

ॐ ओंकारेश्वर नमः

ॐ शंकर त्रिशूलधारी नमः

ॐ भोले बाबा नमः

ॐ शिवजी नमः

ॐ शम्भु नमः

ॐ नीलकंठ नमः

ॐ महाकालेश्वर नमः

ॐ त्रिपुरारी नमः

ॐ त्रिलोकनाथ नमः

ॐ त्रिनेत्रधारी नमः

ॐ बर्फानी बाबा नमः

ॐ लंकेश्वर नमः

ॐ अमरनाथ नमः

ॐ केदारनाथ नमः

ॐ मंगलेश्वर नमः

ॐ अर्धनारीश्वर नमः

ॐ नागार्जुन नमः

ॐ जटाधारी नमः

ॐ नीलेश्वर नमः

ॐ जगतपिता नमः

ॐ मृत्युन्जन नमः

ॐ नागधारी नमः

ॐ रामेश्वर नमः

ॐ गलसर्पमाला नमः

ॐ दीनानाथ नमः

ॐ सोमनाथ नमः

ॐ जोगी नमः

ॐ भंडारी बाबा नमः

ॐ बमलेहरी नमः

ॐ गोरीशंकर नमः

ॐ शिवाकांत नमः

ॐ महेश्वराए नमः

ॐ महेश नमः

ॐ संकटहारी नमः

ॐ महेश्वर नमः

ॐ रुंडमालाधारी नमः

ॐ जगपालनकर्ता नमः

ॐ पशुपति नमः

ॐ संगमेश्वर नमः

ॐ दक्षेश्वर नमः

ॐ घ्रेनश्वर नमः

ॐ मणिमहेश नमः

ॐ अनादी नमः

ॐ अमर नमः

ॐ आशुतोष महाराज नमः

ॐ विलवकेश्वर नमः

ॐ अचलेश्वर नमः

ॐ ओलोकानाथ नमः

ॐ आदिनाथ नमः

ॐ देवदेवेश्वर नमः

ॐ प्राणनाथ नमः

ॐ शिवम् नमः

ॐ महादानी नमः

ॐ शिवदानी नमः

ॐ अभयंकर नमः

ॐ पातालेश्वर नमः

ॐ धूधेश्वर नमः

ॐ सर्पधारी नमः

ॐ त्रिलोकिनरेश नमः

ॐ हठ योगी नमः

ॐ विश्लेश्वर नमः

ॐ नागाधिराज नमः

ॐ सर्वेश्वर नमः

ॐ उमाकांत नमः

ॐ बाबा चंद्रेश्वर नमः

ॐ त्रिकालदर्शी नमः

ॐ त्रिलोकी स्वामी नमः

ॐ महादेव नमः

ॐ गढ़शंकर नमः

ॐ मुक्तेश्वर नमः

ॐ नटेषर नमः

ॐ गिरजापति नमः

ॐ भद्रेश्वर नमः

ॐ त्रिपुनाशक नमः

ॐ निर्जेश्वर नमः

ॐ किरातेश्वर नमः

ॐ जागेश्वर नमः

ॐ अबधूतपति नमः

ॐ जितनाथ नमः

ॐ भीलपति नमः

ॐ वृषेश्वर नमः

ॐ भूतेश्वर नमः

ॐ बैजूनाथ नमः

ॐ नागेश्वर नमः

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