हिंदुओं का पवित्र ग्रंथ श्रीमतभागवतगीता संसार के उन चुनिंदा ग्रंथों में से एक है जिसे लोग सबसे ज्यादा पढ़ते हैं। पवित्र गीता के उपदेशों में जिंदगी जीने का सार छिपा है। गीता में कही गई बातों से आपको जीवन की किसी भी समस्या का हल मिल सकता है। क्या है वो बातें आईए जानते हैं…
– गीता का सबसे महत्वपूर्ण श्लोक है, कर्म करते जाओं फल की इच्छा मत करों। लेकिन आज के समय में हर इंसान पहले परिणाम की इच्छा करता है। जब तक आप कर्म करेंगे ही नहीं तो फल के बारे में कैसे जान पाएंगे।
– हमेशा संदेह में नहीं रहना चाहिए। गीता में ऐसा कहा गया है कि जो लोग संदेह करते हैं उन्हें प्रसन्नता ना इस लोक में मिलती है ना परलोक में। इसलिए संदेह करना छोड़ दें।
– आज इस संसार में शायद ही कोई ऐसा मनुष्य हो जिसे क्रोध नहीं आता है। लेकिन गीता में कहा गया है कि क्रोध करना छोड़ दें। क्योंकि क्रोध इंसान की बुद्धि को नष्ट कर देता है। जिससे मनुष्य का पतन हो जाता है।
– अपने मन को नियंत्रण में रखना चाहिए। क्योंकि जो मन को नियंत्रित नहीं करते उनके लिए मन शत्रु के समान काम करता है। लेकिन मन अशांत है और उसे नियंत्रित करना कठिन है, तब अभ्यास से इसे वश में किया जा सकता है।
– आज के दौर में हर कोई अपने बारे में सोचता है। मनुष्यों के अंदर मैं और मेरा की भावना इस कदर बढ़ गई है कि वो अपने आगे किसी को कुछ समझता ही नहीं। लेकिन गीता में कहा गया है कि जो व्यक्ति मैं की भावना से बाहर निकलेगा उसे शांति का अनुभव होगा।
– हमें वही काम करना चाहिए जिसे करके हमे आनंद मिले। गीता में कहा गया है कि कुछ भी ऐसा मत करें जिससे तकलीफों का सामना करना पड़े। भगवान कहते हैं अप्राकृतिक कर्म बहुत ज्यादा तनाव पैदा कर देते हैं।
– काम, क्रोध और लालच, ये नरक की ओर ले जाने वाले तीन द्वार हैं, इसलिए इन तीनों का त्याग कर देने में ही भलाई है।
गीता की यह वो बाते हैं जिनका अगर आप सही से अनुसरण करें। तो आप अपनी जिंदगी बेहतर बना सकते हैं।