Janmashtami 2025 Par Vrat Kaise Kholen: जन्माष्टमी के खास मौके पर हर ओर रौनक देखने को मिलती है। वैदिक पंचांग के अनुसार, हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी का पावन पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस साल यह त्योहार 16 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन भक्त भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप, लड्डू गोपाल, की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं और व्रत रखते हैं। वहीं इस दिन मध्यरात्रि में भगवान का श्रृंगार किया जाता है और उनका अभिषेक होता है। साथ ही, इस दिन भजन-कीर्तन और जागरण भी किए जाते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस पावन दिन पर व्रत रखने और विधिपूर्वक पूजा करने से पापों से मुक्ति मिलती है। वहीं, व्रत को लेकर कई लोगों के मन में सवाल होते हैं कि यह व्रत कैसे रखा जाए और उपवास कैसे तोड़ा जाए। इसी विषय पर वृंदावन के महान संत प्रेमानंद महाराज ने जन्माष्टमी व्रत रखने का सही नियम बताया है। आइए जानते हैं….
जन्माष्टमी पर व्रत कैसे खोलें?
प्रेमानंद महाराज के अनुसार, जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप का श्रृंगार करना चाहिए। उन्हें नए वस्त्र और आभूषण पहनाने चाहिए। इसके साथ ही भगवान श्रीकृष्ण के 108 नामों का जाप करना। क्योंकि इस दिन ऐसा करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन घर में रहकर श्रद्धापूर्वक भजन-कीर्तन करना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि जन्माष्टमी पर ब्रह्मचर्य का पालन करना जरूरी होता है और तामसिक भोजन, जैसे नॉनवेज तथा प्याज-लहसुन, से दूर रहना चाहिए। प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि श्रीकृष्ण के जन्म के बाद भोग का प्रसाद अर्पित करने के बाद ही अपना व्रत खोलना चाहिए।
जन्माष्टमी पर मंदिर जाना है या नहीं?
प्रेमानंद महाराज ने भक्त के इस सवाल का उत्तर देते हुए बताया कि जन्माष्टमी के दिन कृष्ण मंदिर में जाकर भगवान के दर्शन करना अत्यंत लाभदायक होता है। उनके अनुसार, इस दिन विधि-विधान से की गई पूजा से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। उन्होंने यह भी कहा कि जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण को चावल से बने मालपुए और मक्खन अवश्य अर्पित करना चाहिए, क्योंकि यह उनके प्रिय भोगों में से एक माना जाता है।
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