Diabetes Astrological Fector: वैदिक ज्योतिष अनुसार किसी न किसी रोग का संबंध नवग्रह से जरूर होता है। मतलब अगर व्यक्ति की कुंडली में कोई ग्रह अशुभ या नीच अवस्था में स्थित है तो व्यक्ति को उस ग्रह से संबंधित रोग होने की संभावना रहती है। यहां हम बात करने जा रहे हैं ऐसे रोग के बारे में जो आजकल हर तीसरे व्यक्ति को रही है, जिसका नाम है डायबिटीज (Diabetes) है।
आपको बता दें कि हमारे शरीर में कई तरह से हार्मोन्स होते हैं जो शरीर को चलाने मतलब बैलेंस रखने के लिए मददगार साबित होते हैं। ऐसे ही शरीर में विशेष हार्मोन होता है। जिसका नाम है इंसुलिन। दरअसल हम जो भी खाते हैं उससे ग्लूकोज बनता है और उससे ऊर्जा मिलता है। वहीं जब हमारे शरीर में इंसुनिल की कमी हो जाती है। तो ग्लूकोज के पचने में मुश्किल होती है और व्यक्ति को डायबिटीज हो जाती है। आइए जानते हैं डायबिटीज होने के कारण और निवारण…
ग्रहों की इस स्थिति से होती है व्यक्ति को ‘डायबिटीज’
ज्योतिष अनुसार शुक्र और चंद्रमा ग्रह जल तत्व और रसायन के कारक माने जाते हैं। वहीं गुरु ग्रह आपके पाचन तंत्र के मालिक हैं। इसलिए अगर इन तीनों ग्रहों में से कोई भी एक ग्रह ज्यादा अशुभ या कमजोर स्थित हैं तो व्यक्ति को डायबिटीज हो सकती है। मतलब अगर किसी व्यक्ति की जन्मकुंडली में बृहस्पति ग्रह अशुभ, अस्त या शत्रुराशि में विराजमान हो और उसे शुक्र ग्रह का सपार्ट भी मिल रहा हो तो डायबिटीज होने की स्थिति बनती है। वहीं कुंडली में अगर चंद्रमा नीच या अशुभ का विराजमान है और गुरु की स्थिति भी अच्छी नहीं है, तो व्यक्ति तो तनाव की वजह से डायबिटीज हो जाती है।
करें ये ज्योतिषीय उपाय (Diabetes Upay)
1- अगर किसी व्यक्ति को डायबिटीज है तो उसे गुरु ग्रह के दान गुरुवार के दिन करना चाहिए। जैसे- पीली दान, केला, पीली मिठाई और कुछ दक्षिणा रखकर किसी ब्राह्राण या जरूरतमंद को देकर आएं।
2- जन्मकुंडली का विश्लेषण कराकर लग्नेश का रत्न धारण करें।
3- चंद्रमा के लिए सोमवार के दिन दूध, दही और चावल का दान करें।
4- शुक्र का मंत्र द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम: का जाप करें।
5- हर शुक्रवार शिवलिंग पर दूध और जल अर्पित करें, साथ ही ऊं नम: शिवाय मंत्र का जप करें।
