भारत की जानी-मानी कथावाचिका जया किशोरी बेहद ही कम उम्र में सफलता की ऊंचाइयों पर पहुंच चुकी हैं। किशोरी जी ने अपने आध्यात्मिक सफर की शुरुआत 7 साल की छोटी उम्र से कर दी थी। छोटी-सी उम्र में ही किशोरी जी ने भागवत गीता, नानी बाई का मायरो, नरसी का भात जैसी कथाएं करना शुरू कर दिया था। 9 साल की उम्र में उन्हें संस्कृत में लिंगाष्टकम, शिव तांडव स्त्रोतम्, श्रीरूद्राष्टकम्, रामाष्टकम्, मधुराष्टकम्, शिवपंचाक्ष स्त्रोतम्, दारिद्रय दहन शिव स्त्रोतम् जैसे कठिन स्त्रोत याद हो गए थे।
जया किशोरी अब मोटिवेशनल स्पीकर भी बन चुकी हैं। हाल ही में उन्होंने अपने एक यूट्यूब चैनल से एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में कथा सुनाने के दौरान जया किशोरी जी भगवान से खुद की तुलना करने वाले लोगों पर भड़कती नजर आ रही हैं।
वीडियो में जया किशोरी जी कह रही हैं, “भगवान की बराबरी मत करिये वो भगवान हैं और हम इंसान हैं। उन्होंने जो भी किया उसके पीछे जनकल्याण का कारण था। हम जो भी करते हैं, उसमें खुद के कल्याण का कारण होता है। अगर भगवान से बराबरी करनी है तो फिर हर काम में करो। सिर्फ अपने मन-मुताबिक काम मत चुनिये।”
वीडियो में किशोरी जी आगे कह रही हैं, “उन्होंने गोवर्धन पर्वत उठाया था, आप छोटा-सा पहाड़ उठाकर दिखा दो। शेषनाग पर सोते हैं वो, सात फन के नाग पर नृत्य किया था उन्होंने, आप एक फन के सामने खड़े तो रहकर दिखा दो। अगर ये सब नहीं कर सकते तो बाकी सब चीजों की भी बराबरी मत करो।”
वीडियो में जया किशोरी कह रही हैं कि भगवान पर उंगली उठाने से पहले चीजों को जानिए। जो लोग इंटरनेट से रामायण और महाभारत की बातें पढ़कर भगवान पर उंगली उठाते हैं। वीडियो में जया किशोरी उन पर भड़कती नजर आ रही हैं। साथ ही वह समझदार और मूर्ख व्यक्ति के बीच का अंतर भी बता रही हैं।
वीडियो में जया किशोरी कह रही हैं, “एक समझदार व्यक्ति तब तक नहीं बोलता जब तक वह उसके बारे में सबकुछ नहीं जानता। कहते हैं ना कि ‘अधजल गगरी छलकत जाए’ तो ऐसी ही चीजें हैं। जब तो आपको पूरा ज्ञान ना हो तब तक आपको उन पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। अच्छी बात है कि आपको जानने की इच्छा हो रही है। लेकिन वो इच्छा लगनी चाहिए, इल्जाम नहीं लगना चाहिए।”