September 2025 Ekadashi: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना की जाती है। साथ ही इस दिन लोग व्रत भी रखते हैं। कहा ऐसा भी जाता है कि इस दिन जो भक्त व्रत रखते हैं उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। आपको बता दें एक महीने में 2 एकादशी पड़ती हैं। वहीं यहां हम बात करने जा रहे हैं सितंबर में पड़ने वाली एकादशियों के बारे में, सितंबर के महीने में परिवर्तिनी एकादशी पड़ेगी, जिसे झूलनी एकादशी और पद्मा एकादशी भी कहते हैं। वहीं दूसरी एकादशी इंदिरा एकादशी पड़ेगी। जो पितृपक्ष में पड़ने वाली एकमात्र एकादशी है। इन एकादशी पर तर्पण और श्राद्ध करने का विधान है। साथ ही ब्रह्राणों को भोज कराया जाता है। साथ ही दक्षिणा दी जाती है। आइए जानते हैं तिथि और शुभ मुहूर्त…
परिवर्तिनी एकादशी की तिथि 2025
वैदिक पंचांग के अनुसार भाद्रपद शुक्ल एकादशी तिथि की शुरूआत 3 सितंबर बुधवार को तड़के 3 बजकर 52 मिनट पर होगा। यह तिथि 4 सितंबर गुरुवार को तड़के 4 बजकर 22 मिनट तक मान्य होगी। ऐसे में उदयातिथि के आधार पर परिवर्तिनी एकादशी 3 सितंबर बुधवार को है।
परिवर्तिनी एकादशी शुभ मुहूर्त 2025
परिवर्तिनी एकादशी व्रत की पूजा आप रवि योग में करना बेहद शुभ रहेगा। उस दिन का ब्रह्म मुहूर्त 04:31 ए एम से 05:16 ए एम तक है। यह समय स्नान के लिए उत्तम माना जाता है। वहीं लाभ-उन्नति मुहूर्त 06:00 ए एम से 07:35 ए एम और अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त 07:35 ए एम से 09:10 ए एम तक है। इस समय भी पूजा करना शुभ रहेगा।
परिवर्तिनी एकादशी का महत्व
परिवर्तिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु योग निद्रा में होते हैं और करवट बदलते हैं। वहीं परिवर्तिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना करने से सुख- समृद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही इस दिन दान- स्नान करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
इंदिरा एकादशी 2025 तिथि (Indira Ekadashi Tithi 2025)
वैदिक पंचांग मुताबिक आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 17 सितंबर को देर रात 12 बजकर 21 मिनट पर शुरू होगी और 17 सितंबर को देर रात 11 बजकर 39 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में उदयातथि के अनुसार 17 सितंबर को मनाई जाएगी।
परिवर्तिनी एकादशी पर करें इस आरती और चालीसा का पाठ, भगवान विष्णु होंगे प्रसन्न, सुख- समृद्धि की होगी प्राप्ति, ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे…
इंदिरा एकादशी का शुभ मुहूर्त और योग 2025
पंचांग के अनुसार आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर शिव और परिघ योग समेत कई मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। परिघ योग देर रात तक है। इसके बाद शिव योग का संयोग बन रहा है। ऐसे में इन योगों में पूजा करना शुभ रहेगा।
इंदिरा एकादशी का महत्व
इंदिरा एकादशी व्रत करने से न केवल साधक की हर मनोकामना पूरी होती है, ब्लकि पितरों को भी मोक्ष की प्राप्ति होती है। उन्हें नरक की यातनाओं से मुक्ति मिलती है। इसलिए इस दिन तर्पण और पिंडदान करने का विधान है।