Jupiter Remedies: वैदिक ज्योतिष में प्रत्येक ग्रह का अपना एक खास महत्व होता है। साथ ही हर ग्रह अपना असर मानव जीवन के ऊपर पड़ता है। यहां हम बात करने जा रहे हैं गुरु ग्रह के बारे में, जिनको ज्योतिष में देवताओं का गुरु माना गया है। साथ ही गुरु बृहस्पति गुरु ज्ञान, शिक्षक, संतान, बड़े भाई, शिक्षा, धार्मिक कार्य, पवित्र स्थल, धन, दान, पुण्य और वृद्धि आदि का कारक होते हैं। ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह 27 नक्षत्रों में पुनर्वसु, विशाखा, और पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र के स्वामी होत हैं। हैं। यदि कुंडली में गुरु ग्रह की स्थिति सही न हो तो व्यक्ति को नौकरी और विवाह आदि में समय्ा का सामना करना पड़ता है। आपको यहां हम बताएंगे अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में गुरु ग्रह कमजोर या अशुभ हो तो उसको जीवन में क्या परेशानियां आने लगती हैं और उसके उपाय क्या हैं…
गुरु अशुभ होने से जीवन में आने लगती हैं ये समस्याएंं
कुंडली में पीड़ित गुरु होने से व्यक्ति शिक्षा क्षेत्र से जुड़ी परेशानियों की सामना करना पड़ता है। मतलब शिक्षा अधूरी रह जाती है। वहीं पीड़ित गुरु के कारण व्यक्ति की वृद्धि थम जाती है और उसके मूल्यों का ह्लास होता है। पीड़ित गुरु व्यक्ति को शारीरिक कष्ट भी देता है। व्यक्ति को पेट से सबंधित रोग, अपच, पेट दर्द, एसिडिटी, कमज़ोर पाचन तंत्र, कैंसर जैसी बीमारी होने का ख़तरा रहता है। साथ ही गुरु अशुभ होने से व्यक्ति का विववाह देरी से होता है। वहीं अगर विवाह हो गया तो दांपत्य जीवन में परेशानी बनी रहती है।
गुरु ग्रह के सिद्ध उपाय
1- गुरुवार के दिन बृहस्पति देव के मंदिर जाकर केले के पेड़ की पूजा करें। पूजा करते हुए केले के पेड़ पर हल्दी, गुड़ और चने की दाल चढ़ाएं। ऐसा करने से गुरु ग्रह की कृपा आप पर बनी रहेगी।
2- बृहस्पतिवार के व्रत रखें। भगवान बृहस्पति देव की उपासना करें। ऐसा करने से सभी मनोरथ सिद्ध होंगे।
3- नहाने के पानी में हल्दी डालकर, उस पानी से नहाएं। ऐसा करने से विवाह के योग बनते हैं।
4- गुरुवार को गाय को पीली दाल और गुड़ खिलाने से बृहस्पति की विशेष कृपा प्राप्त होती है। यह उपाय व्यक्ति के निर्णयों में मजबूती लाता है और करियर में तरक्की प्राप्त होती है।
