Chhath Puja 2025 Aarti Lyrics in Hindi: सनातन धर्म में छठ पर्व का विशेष महत्व माना गया है। यह चार दिनों तक चलने वाला आस्था और सूर्य उपासना का महापर्व है। इस दौरान श्रद्धालु सूर्य देव और छठी मैया की विधि-विधान से पूजा करते हैं और निर्जला व्रत रखते हैं। धार्मिक मान्यता है कि छठी मैया, सूर्य देव की बहन और ब्रह्मा जी की मानस पुत्री हैं। ऐसा माना जाता है कि उनकी आराधना करने से जीवन में सुख-समृद्धि, निरोगी काया और दीर्घायु का वरदान प्राप्त होता है। बता दें कि छठी मैया की पूजा के साथ-साथ उनकी आरती का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि भक्त जब सच्चे मन से आरती गाते या सुनते हैं, तो माता रानी का आशीर्वाद उनके परिवार और संतान पर सदा बना रहता है। ऐसे में यहां जानिए छठी मैया की संपूर्ण आरती…
छठी मईया की आरती (Chhathi Maiya Ki Aarti In Hindi)
जय छठी मैया ऊ जे केरवा जे फरेला घवद से, ओह पर सुगा मंडराए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए ॥जय॥
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।
ऊ जे नारियर जे फरेला घवद से, ओह पर सुगा मंडराए ॥जय॥
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय ॥जय॥
अमरुदवा जे फरेला घवद से, ओह पर सुगा मंडराए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए ॥जय॥
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।
शरीफवा जे फरेला घवद से, ओह पर सुगा मंडराए ॥जय॥
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय ॥जय॥
ऊ जे सेववा जे फरेला घवद से, ओह पर सुगा मेड़राए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए ॥जय॥
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।
सभे फलवा जे फरेला घवद से, ओह पर सुगा मंडराए ॥जय॥
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय ॥जय॥
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