Chhath Puja 2024 Day 3 Surya Dev Puja Vidhi, Surya Arghya Ka Samay: हिंदू धर्म में छठ पूजा का विशेष महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से छठ के महापर्व की शुरुआत होती है, तो सप्तमी तिथि को समाप्त होती है। चार दिवसीय इस पर्व का सबसे खास दिन तीसरा माना जाता है। छठ के तीसरे दिन सूर्यास्त के समय छठी माता के साथ सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है  छठ महापर्व कठोर व्रतों में से एक माना जाता है। इस दौरान माताएं अपनी संतान की लंबी आयु, अच्छे स्वास्थ्य और उत्तम भविष्य के लिए छठी माता की विधिवत पूजा करने के साथ सूर्य देव को अर्घ्य देती है। छठ के तीसरे दिन व्रती अपने परिवार के साथ नदी, तालाब आदि के किनारे जाकर सूर्यास्त के समय कमर तक जल में खड़ी होकर अर्घ्य देती हैं और संतान की खुशियों की कामना करती है। आइए जानते हैं छठ के तीसरे दिन कब करें अर्घ्य और पूजा विधि…

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संध्याकाल अर्घ्य का समय

छठ पूजा का संध्याकाल अर्घ्य 7 नवंबर, गुरुवार को दिया जाएगा। दिल्ली में सूर्यास्त का समय की बात करें, तो शाम 5 बजकर 32 मिनट पर है।  इसलिए संध्याकाल अर्घ्य शाम 5 बजकर 32 मिनट पर होगा।  इसके साथ ही बिहार के पटना की बात करें, तो सूर्यास्त 5 बजकर 4 मिनट पर होगा। वहीं, रांची में 5 बजकर 7 मिनट पर होगा। बता दें शहर के हिसाब से सूर्यास्त के समय में कुछ मिनट का हेर-फेर हो सकता है।

छठ का तीसरा दिन-संध्या अर्घ्य पूजा विधि

छठ के तीसरे दिन संध्या अर्घ्य दिया जाता है। इस दौरान व्रत डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देती है। नदी, घाट में जाकर व्रत अर्घ्य देती है। इसके साथ ही बांस की टोकरी में टेकुआ, फल, मूली, चावल के लड्डू, गन्ना सहित अन्य सामान रखा जाता है। इसके बाद कमर जल जल के पानी में खड़े होकर विधिवत सूर्य को अर्घ्य देने के साथ इस सूप में मौजूद सामग्री चढ़ाई जाती है।

ऐसे दें सूर्य को अर्घ्य

छठ के तीसरे दिन सूर्य को अर्घ्य देने का विधान है। इस दौरान व्रत पवित्र जल में कमर तक खड़े होकर सूर्य देव की पूजा करती है। सूर्य को अर्घ्य देने के लिए एक लोटे में जल, कच्चे दूध की कुछ बूंदे, लाल चंदन, फूल, अक्षत और कुश डाल लें। इसके बाद सूर्य देव को धीरे-धीरे जल प्रवाहित कर अर्घ्य दें। इसके साथ सूर्य मंत्रों का जाप करें। इसके बाद दउरा और सूप में रखे सामग्री से पूजा करती हैं।

जानें शहर के अनुसार अर्घ्य का समय

शहरसूर्यास्त का समय
दिल्‍लीशाम 5 बजकर 32 मिनट
मुंबईशाम को 6 बजकर 2 मिनट पर
पटनासूर्यास्त 5 बजकर 4 मिनट पर
बनारसशाम को 5 बजकर 13 मिनट
लखनऊशाम को 5 बजकर 19 मिनट पर
गोरखपुरशाम को 5 बजकर 10 मिनट
प्रयागराजशाम को 5 बजकर 13 मिनट
धनबादशाम को 5 बजकर 02 मिनट
भागलपुरशाम को 4 बजकर 58 मिनट
सीवानशाम को 5 बजकर 07 मिनट
पूर्णियाशाम 4 बजकर 55 मिनट
किशनगंजशाम 4 बजकर 52 मिनट
जमशेदपुरशाम 5 बजकर 4 मिनट
रांचीशाम 5 बजकर 7 मिनट

छठ के चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य

चौथा दिन यानी कार्तिक मास की सप्तमी तिथि छठ महापर्व का अंतिम दिन होता है। इस दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण का होता है। 08 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा।  द्रिक पंचांग के अनुसार उषा अर्घ्य समय: 08 नवंबर 2024 की सुबह 06 बजकर 38 मिनट तक होगा। इसके बाद ही 36 घंटे का व्रत समाप्त होता है।

डिसक्लेमर- इस लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

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