Chandra Grahan 2023: साल का आखिरी और दूसरा चंद्र ग्रहण 28 और 29 अक्टूबर की मध्य रात्रि को लगने वाला है। इसके साथ ही इस दिन शरद पूर्णिमा भी पड़ रही है। ज्योतिष शास्त्र में चंद्र ग्रहण काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन चंद्र ग्रहण आंशिक होगा, जो भारत में भी नजर आने वाला है। 29 अक्टूबर की रात 1 बजकर 5 मिनट से शुरू होकर 2 बजकर 24 मिनट पर खत्म होगा। ग्रहण का आरंभ मध्य रात्रि 1 बजकर 5 मिनट, मध्य 1 बजकर 44 मिनट और ग्रहण का मोक्ष 2 बजकर 40 मिनट पर होगा।  इस हिसाब से सूतक काल 9 घंटे पहले शुरू हो जाएगा। इसलिए 28 अक्टूबर को दोपहर 2 बजकर 52 मिनट से सूतक काल आरंभ हो जाएगी।

शास्त्रों के अनुसार, माना जाता है कि चंद्र ग्रहण के समय शुभ और मांगलिक कामों को करने की मनाही होती है। इसके साथ ही कुछ नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है। जानिए चंद्र ग्रहण के दौरान क्या करें और क्या नहीं।

चंद्र ग्रहण के समय न करें ये काम

  • चंद्र ग्रहण के स्पर्श काल से शुरू होने से लेकर चंद्र ग्रहण के मोक्ष काल तक को सूतक काल कहा जाता है। इस दौरान शुभ कामों को करने की मनाही होती है।
  • चंद्र ग्रहण के दौरान भोजन खाने और बनाने की मनाही होती है।
  • ग्रहण काल के समय किसी भी देवी-देवता की मूर्ति को स्पर्श नहीं करना चाहिए।
  • ग्रहण के समय किसी मंदिर में नहीं जाना चाहिए।
  • चंद्र ग्रहण के दौरान तुलसी के पौधे को बिल्कुल भी स्पर्श नहीं करना चाहिए।
  • ग्रहण के समय किसी भी तरह की धारदार वस्तुएं जैसे चाकू, सुई, तलवार आदि का इस्तेमाल या फिर पास में नहीं रखना चाहिए। इससे नकारात्मक ऊर्जा अधिक पैदा होती है।
  • गर्भवती महिलाओं को चंद्र ग्रहण के समय घर से बाहर बिल्कुल भी नहीं निकलता है।

चंद्र ग्रहण के समय जरूर करें ये काम

  • माना जाता है कि सूतक आरंभ होने से लेकर चंद्र ग्रहण समाप्त होने तक चंद्रमा काफी पड़ा में रहते हैं। इसलिए इस अवधि में देवी-देवता का भजन, ध्यान आदि करना शुभ माना जाता है।
  • चंद्रमा के मंत्रों के अलावा राहु-केतु के मंत्रों का जाप करना भी लाभकारी होता है।
  • अगर आप वित्तीय समस्या का सामना कर रहे हैं या फिर शत्रु आप पर हावी है, तो चंद्र ग्रहण के दौरान बजरंग बाण और हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।
  • चंद्र ग्रहण के समय दुर्गा चालीसा, विष्णु सहस्रनाम, श्रीमद्भागवत गीता, गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र, श्री राम रक्षा स्तोत्र आदि का पाठ करना शुभकारी हो सकता है।
  • चंद्र ग्रहण के समापन के बाद स्नान जरूर करना चाहिए। इसके बाद काला तिल, काले वस्त्र, साबुत उड़द, आटा, दाल, चावल, चीनी, श्वेत वस्त्र, सतनाजा (सात तरह के अनाज) आदि किसी जरूरतमंद को दान करें।
  • ग्रहण का सूतक काल लगने से  पहले पके हुए भोजन, दूध, दही आदि में कुशा या फिर तुलसी दल डाल दें।

डिसक्लेमर- इस लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।