भय्यू जी महाराज…कोई उन्हें संत कहता था तो कोई आध्यात्मिक गुरु। 29 अप्रैल 1968 को मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले में जन्में भय्यू महाराज का असली नाम उदय सिंह शेखावत था। बचपन से ही उनका सपना मॉडल बनने का था। सियाराम शूटिंग-शर्टिंग के विज्ञापन में बतौर मॉडल नजर भी आए, लेकिन अचानक उनका मन मॉडलिंग ने उठ गया और आध्यात्म का रास्ता चुना।

भय्यू जी महाराज का देश की बड़ी हस्तियों के साथ उठना- बैठना था, जिसमें पीएम मोदी से लेकर संघ प्रमुख मोहन भागवत का नाम भी शामिल है। 12 जून 2018 को जब उनके निधन की खबर आई तो सब अवाक रह गए थे। कहा गया कि उन्होंने खुद गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। कारण अभी तक साफ पता नहीं चल पाया है।

पीएम मोदी का तुड़वाया था उपवास: भय्यू महाराज का आध्यात्म के अलावा सियासत से लेकर बिजनेस जगत में तगड़ी पैठ थी। नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो वो सद्भावना उपवास पर बैठ गए, तब भय्यू जी महाराज ने ही जूस पिलाकर उनका उपवास खत्म कराया था। ऐसे ही साल 2011 में जब अन्ना हजारे का अनशन चल रहा था, तब कांग्रेस ने भय्यू जी महाराज पर विश्वास जताते हुए उनको अनशन तुड़वाने के लिए भेजा था और तब उन्होंने जूस पिलाकर अन्ना का अनशन खत्म कराया था।

ट्रस्ट की थी स्थापना: भय्यू जी महाराज खुद को समाजसेवी भी कहा करते थे और उन्होंने श्री सदगुरु दत्त धार्मिक एवं परमार्थ ट्रस्ट की स्थापना भी की थी। जिसके बाद इस ट्रस्ट ने धीरे- धीरे कई शहरों में आश्रम स्थापित किए, जिसमें  इंदौर, पुणे, नासिक समेत मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के कई शहरों का नाम शामिल है।

कई बार विवादों में भी फंसे: लग्जरी लाइफ जीने वाले भय्यूजी महाराज का विवादों से भी नाता रहा। बताया जाता है पहली पत्नी के मृत्यु के बाद जब उन्होंने दूसरी शादी की तो एक महिला ने उन्हें अपने बच्चे का पिता बताते हुए विवाद खड़ा कर दिया। साथ ही इस महिला ने भय्यू जी महाराज पर 2005 में केस भी दर्ज कराया था।

घुड़सवारी और तलवारबाजी का था शौक: भय्यू जी महाराज को घुड़सवारी और तलवारबाजी का शौक था। साथ ही उनको नई कारों और स्विस घड़ियों का भी बड़ा शौक था।