महात्मा विदुर अपनी तेज बुद्धि और दूरदर्शिता को लेकर काफी प्रसिद्ध थे। महान बुद्धिजीवियों में से एक महात्मा विदुर हस्तिनापुर के महामंत्री थे। ये धृतराष्ट्र और पांडु की तरह ही ऋषि वेदव्यास के पुत्र थे, हालांकि इनका जन्म एक दासी के गर्भ से हुआ थ। इसके कारण सभी गुण होने के बाावजूद भी यह राजा नहीं बन पाए थे। महाभारत युद्ध से पहले महात्मा विदुर और धृतराष्ट्र के बीच जो भी बातें हुई थीं, उन्हें विदुर नीति के नाम से जाना जाता है। महात्मा विदुर जी ने अपनी नीतियों में कुछ सुझाव दिए हैं, जिन्हें आज के समय में भी प्रासंगिक माना जाता है।

महात्मा विदुर ने अपने नीति शास्त्र में सुखी जीवन जीने के लिए चार बातों को हमेशा ध्यान में रखना सबसे ज्यादा जरूरी बताया है। जानिये कौन-सी हैं वह चार बातें-

हमेशा दोस्तों की करें सहायता: महात्मा विदुर के अनुसार हमेशा मित्रों की मदद करने से आपका जीवन सुखमय बन जाता है। विदुर जी का मानना है कि व्यक्ति को हमेशा अपने मित्रों के साथ घुल-मिल कर रहना चाहिए। क्योंकि दोस्ती का रिश्ता बिना स्वार्थ के निभाया जाता है। इसलिए हर मुश्किल में अपने दोस्तों की सहायता करनी चाहिए। क्योंकि यही मैत्री धर्म है।

सदैव मीठा बोलें: महात्मा विदुर के अनुसार व्यक्ति को हमेशा मीठा बोलना चाहिए। क्योंकि मीठा बोलने वाले व्यक्ति को हर जगह इज्जत मिलती है। ऐसे लोगों को समाज में भी खूब मान और सम्मान मिलता है।

सादा भोजन: महात्मा विदुर कहते हैं की मनुष्य को हमेशा ऐसा भोजन करना चाहिए, जो आसानी से पच सके। क्योंकि जो खाना आसानी से पच नहीं पाता, उसके कारण कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं होने लगती हैं। इसलिए गरिष्ठ की जगह हमेशा सादा और सरल भोजन ही करना चाहिए।

मर्यादित आचरण: विदुर जी बताते हैं की व्यक्ति का किसी भी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए अपनी मर्यादा में टिका रहना बेहद ही जरूरी है। हालांकि सफलता प्राप्ति के बाद भी मनुष्य को अपनी मर्यादा त्यागनी नहीं चाहिए। क्योंकि सफलता पर टिके रहने के लिए मर्यादा बेहद ही जरूरी है। इसलिए सफलता मिलने के बाद भी मनुष्य को अमार्यादित मार्ग नहीं अपनाना चाहिए।