मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में आयोजित रोजगार मेले में नौकरी के लिए आए युवक-युवतियों से अभद्रता और गाली गलौज का वीडियो वायरल होने पर विवाद बढ़ गया है। सोशल मीडिया पर इसको लेकर काफी गुस्सा जताया जा रहा है। कई लोगों ने इस पर कमेंट किए हैं। वरिष्ठ पत्रकार रविश कुमार (Parody)@sach_ki_Aawaz ने लिखा, “मोदीजी आपके राज में युवाओं को नौकरी के बदले गालियां व लाठियां मिल रही हैं, क्या ये ही नया भारत है?” स्थानीय कांग्रेसी नेताओं और अन्य लोगों ने भी इस मामले में पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन देकर कार्रवाई की मांग की है।

घटना 24 अगस्त की है। जिले के स्थानीय कल्याण मंडपम अमरोली में जिला रोजगार मेले का आयोजन किया गया था। इसमें रोजगार पाने की चाह में जिले के दूर-दराज के इलाकों से सैकड़ों युवाओं ने भाग लिया था। मेले में जब बेरोजगारों की भारी भीड़ उमड़ी तो मौके पर मौजूद नवानगर थाना प्रभारी उमेश प्रताप सिंह आपा खो बैठे। उन्होंने बेरोजगारों को मां-बहन की गंदी-गंदी गालियां दीं और उन्हें मेले से बाहर खदेड़ दिया। थानेदार का गाली देते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

कुछ देर में ही यह वीडियो हजारों लोगों तक पहुंच गया। इसके बाद राजनीतिक दलों के लोग भी इसके खिलाफ मुखर हो गए। कांग्रेस पार्टी ने भी इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस पार्टी ने भी इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव भास्कर मिश्रा ने वहां के पुलिस अधीक्षक को वायरल वीडियो और ज्ञापन देकर आरोपी थानेदार के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर उसको बर्खास्त करने की मांग की है।

इस मामले में पुलिस अधीक्षक सिंगरौली वीरेंद्र सिंह ने जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। आरोपी इंस्पेक्टर को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है। मामले की जांच सीएसपी को सौंपी गई है। सिंगरौली पुलिस अधीक्षक वीरेंद्र सिंह ने कहा, “सोशल मीडिया में नवानगर थाने के इंस्पेक्टर युवकों को गालियां देते हुए नजर आ रहे हैं।

उधर, बेरोजगार युवकों का कहना है कि जब कोई रोजगार नहीं देना था, तो उन्हें वहां बुलाया क्यों गया था। युवकों का आरोप है कि वहां जाकर रोजगार तो नहीं मिला, उल्टे गालियां खूब सुनीं। इस रोजगार मेले का आयोजन से पहले स्थानीय प्रशासन ने काफी प्रचार-प्रसार किया था।