Yogi-Modi Litmus Test: लोकसभा चुनाव में बीजेपी को अगर सबसे बड़ा झटका लगा है तो वो राज्य है उत्तर प्रदेश। जहां के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं, जो अपनी कट्टर हिंदू छवि और कानून-व्यवस्था को लेकर जाने जाते हैं, लेकिन इसके बावजूद भी यूपी में बीजेपी को अनुमान के मुताबिक सीटें नहीं मिलीं। यहां बीजेपी को लोकसभा चुनाव में 33 सीटें, जबकि सपा को 37 सीटें मिली हैं। इंडिया गठबंधन को 43 सीटें मिलीं, जबकि एनडीए के खाते में कुल 36 सीटें गई हैं। 2014, 2019 की अपेक्षा बीजेपी को यूपी लोकसभा चुनाव में भारी कीमत चुकानी पड़ी है।

हालांकि, अब उत्तर प्रदेश में अब बीजेपी का लिटमस टेस्ट होगा। उसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि जो विधायक जिन लोकसभा सीट जीतकर सांसद बने हैं, अब विधानसभा सीटों पर 6 महीने के अंदर उपचुनाव होंगे। जिन सीटों पर विधानसभा उपचुनाव होने हैं, वो उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटें हैं। इस उपचुनाव के बाद एक बात तय हो जाएगी कि 2027 य़ूपी विधानसभा में किसकी सरकार बनेगी? आइए ऐसे में बात करते हैं यूपी की उन 9 विधानसभा सीटों की जहां उपचुनाव होने हैं।

इस बार लोकसभा चुनाव में 14 विधायकों को विभिन्न दलों ने चुनावी मैदान में उतारा था। इनमें से नौ विधायकों ने जीत दर्ज कर अपना सियासी कद बढ़ा लिया है। वहीं छह विधायकों को हार का सामना करना पड़ा है। इनमें पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह भी शामिल हैं।

लोकसभा चुनाव के बाद फूलपुर, खैर, गाजियाबाद, मझावन, मीरापुर, अयोध्या, करहल, कटेहरी, कुंदरकी विधानसभा क्षेत्रों पर उपचुनाव होना तय हो गया है। भाजपा व सहयोगी दलों ने लोकसभा चुनाव के मैदान में सबसे ज्यादा आठ विधायकों व तीन एमएलसी को उतारा था। इनमें से फूलपुर लोकसभा सीट से प्रवीण पटेल ने जीत दर्ज की है।

प्रवीण ने फूलपुर से दर्ज की जीत

प्रवीण 2007, 2017 व 2022 में फूलपुर सीट से चुनाव जीते थे। इस बार मतदाताओं ने उन्हें संसद तक पहुंचा दिया है।

हाथरस से बीजेपी के अनूप वाल्मीकि जीते

हाथरस से चुनाव लड़े भाजपा के अनूप वाल्मीकि भी चुनाव जीत गए हैं। वह खैर विधानसभा सीट से विधायक थे और प्रदेश सरकार के मंत्री भी हैं।

बीजेपी के अतुल गर्ग गाजियाबाद से संसद पहुंचे

गाजियाबाद से भाजपा ने जनरल वीके सिंह का टिकट काटकर विधायक अतुल गर्ग को चुनावी मैदान में उतारा था। वह पार्टी की उम्मीदों पर खरे उतरे और जीत हासिल की। जनरल वीके सिंह ने इस सीट पर पिछले लोकसभा चुनाव में 5,01,500 मतों से सबसे बड़ी जीत हासिल की थी।

भदोही से विनोद कुमार बिंद ने हासिल की जीत

भदोही से भाजपा ने मझावन विधानसभा सीट से विधायक और निषाद पार्टी के विनोद कुमार बिंद को उतारा था। उन्होंने भी जीत हासिल कर संसद भवन पहुंचने का रास्ता तय कर लिया है।

बिजनौर से मीरापुर विधानसभा से विधायक चंदन चौहान संसद पहुंचे

मीरापुर विधानसभा सीट से विधायक चंदन चौहान को रालोद के टिकट पर बिजनौर से जीत दर्ज कर अपना कद बढ़ाया है।

अयोध्या के विधायक अवधेश प्रसाद संसद पहुंचे

समाजवादी पार्टी ने छह विधायकों को चुनावी रण में उतारा था। इनमें अयोध्या के विधायक अवधेश प्रसाद ने फैजाबाद से चुनाव जीतकर बड़ा उलट-फेर किया है और जीत हासिल कर संसद का रास्ता तय किया

करहल से विधायक अखिलेश कन्नौज से संसद पहुंचे

मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से विधायक व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कन्नौज से जीत दर्ज की है। अखिलेश यादव को किसी एक पद से इस्तीफा देना होगा। इस हिसाब से करहल सीट पर उपचुनाव होंगे।

कटेहर से सपा विधायक लाल जी वर्मा बने सांसद

सपा के टिकट पर कटेहरी के विधायक लाल जी वर्मा ने अंबेडकर नगर लोकसभा सीट से जीत दर्ज की है।

कुंदरकी विधानसभा से विधायक जियाउर्रहमान संभल से संसद पहुंचे

मुरादाबाद के कुंदरकी विधानसभा सीट के विधायक जियाउर्रहमान बर्क ने सपा के टिकट पर संभल से जीत दर्ज की है।