उत्तर प्रदेश के जलशक्ति राज्य मंत्री दिनेश खटीक ने अपनी सीट हस्तिनापुर से तीसरी बार चुनाव न लड़ने के संकेत दिये हैं। मेरठ के एक कार्यक्रम के दौरान दिए गए उन्होंने एक मंच से कहा कि वे तीसरी बार इस सीट से चुनाव नहीं लड़ना चाहते। इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर शेयर हो रहा है।

दिनेश खटीक ने किठौर विधानसभा क्षेत्र के खरखौदा में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि वह दो बार विधायक और दो बार मंत्री बन चुके हैं, लेकिन अब हस्तिनापुर से तीसरी बार नहीं लड़ना चाहते।

अपने विधानसभा से नहीं लड़ना चाहते चुनाव

उन्होंने कहा कि पहले यह बात नहीं कही थी लेकिन उनके मन से यह बात अब बार-बार निकलती है कि वह यहां (हस्तिनापुर) से फिर विधायक नहीं बनना चाहते। उन्होंने हस्तिनापुर की भूमि को श्रापित भी बताया। वहीं, उनके बगल में कांग्रेस से निष्कासित नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम भी खड़े थे।

राजनीतिक हलचल हो गई तेज

मंत्री ने हालांकि यह भी साफ किया कि वह पार्टी के फैसले के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं और संगठन जहां से भी चुनाव लड़ने का निर्देश देगा, वह उसे स्वीकार करेंगे। उन्होंने धार्मिक ग्रंथों और महाभारत के प्रसंगों का जिक्र करते हुए कहा कि हस्तिनापुर के ऐतिहासिक व पौराणिक महत्व को वह भली-भांति जानते हैं। मंत्री के इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से शेयर किया जा रहा है।

बयान सामने आते ही हस्तिनापुर और पश्चिमी यूपी में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है, इस बयान पर राजनीतिक कार्यकर्ताओं और आम लोगों की प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं।

जल्द होने हैं यूपी में पंचायत चुनाव

यह बयान ऐसे समय सामने आया है जब राज्य में पंचायत चुनाव करीब है। ऐसे में राजनीतिक गलियारों में उनके बयान को लेकर तरह-तरह के मायने निकाले जा रहे हैं। हालांकि उनके बयान को लेकर भाजपा या किसी पदाधिकारी की ओर से कोई बयान सामने नहीं आया है।

पौराणिक कहानियों में हस्तिनापुर है श्रापित

गौरतलब है कि हस्तिनापुर को महाभारत की पौराणिक कहानियों में श्रापित भूमि बताया गया है। महाभारत काल से जुड़ी कथाएं इस क्षेत्र को लेकर प्रचलित हैं।

2022 विधानसभा में कैसा था हाल?

जानकारी दे दें कि साल 2022 के विधानसभा चुनाव में हस्तिनापुर सीट पर मुकाबला काफी करीबी रहा था। इस चुनाव में दिनेश खटीक ने सपा के उम्मीदवार योगेश वर्मा को 7 हजार से अधिक वोटों से हराया था। वहीं, बहुजन समाज पार्टी तीसरे स्थान पर रही थी।

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