UP Politics: सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक बार फिर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को घेरा है। उन्होंने राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं का मुद्दा उठाया। उत्तर प्रदेश विधानसभा सत्र के दूसरे दिन अखिलेश ने कहा कि अगर यूपी सरकार के पास बजट की कमी है तो वह स्वीकार क्यों नहीं करती। अखिलेश ने कहा कि सरकार डिप्टी सीएम को बजट नहीं दे रही है।
उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि राज्य सरकार डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक को शायद बजट इसलिए नहीं दे रही क्योंकि उन्होंने दो मंत्रियों को बेरोजगार कर दिया है। दरअसल, पहले स्वास्थ्य मंत्रालय दो भागों में बंटा था, जिसमें से एक भाग सिद्धार्थ नाथ सिंह के पास था, जबकि आशुतोष टंडन तकनीकी और चिकित्सा शिक्षा मंत्री थे। अब ये दोनों ही विभाग ब्रजेश पाठक के अंतर्गत आते हैं।
अखिलेश ने विधानसभा में कहा कि यह सरकार जो निजीकरण का रास्ता अपना रही है और दावा कर रही है कि ये विश्व की सबसे अच्छी सुविधाएं दे रहे हैं, लेकिन सच्चाई ये है कि हमारी संस्थाओं को बंद करना चाहते हैं।
उन्होंने उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का मुद्दा उठाते हुए कहा कि डॉक्टरों ने इलाज से हाथ खड़े कर दिए हैं और अस्पतालो में लापरवाही से लोगों की जान जा रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में दुर्दशा को भूला नहीं जा सकता है। सपा प्रमुख ने दावा किया कि अस्पतालों में दवाईयां और मशीनें नहीं हैं, सरकार बताए कि कितनी मशीनें खरीदी गई हैं।
उन्होंने कहा कि गरीबों को सुविधाएं नहीं मिल रही हैं और इलाज के लिए लोगों को दिल्ली जाना पड़ रहा है। सपा नेता ने स्वास्थ्य मंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि अस्पतालों में झोला छाप डॉक्टर इलाज कर रहे हैं और मरीज चारपाई पर जा रहे हैं। अखिलेश ने कहा, “लोग बोल रहे हैं मंत्री अस्पतालों में जाते हैं और सिर्फ छापा मारते हैं। ये सरकार डबल इंजन होने का दावा करती है, लेकिन मंत्रियों के पास कोई जवाब नहीं है।”