Yogi Adityanath Birthday: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आज (5 जून, 2023) जन्मदिन है। वो 51 साल के हो गए हैं। सीएम योगी को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। तमाम लोग उन्हें ट्विटर पर जन्मदिन की बधाई दे रहे हैं। गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी सीएम योगी को बधाई दी है। राजनाथ सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘उत्तर प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री योगी आदित्नाथ को जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। वे पूरे मनोयोग और समर्पण के साथ, उत्तर प्रदेश को एक विकसित राज्य बनाने के लिये काम कर रहे हैं। उन्होंने प्रदेश में इसका धरातल तैयार कर दिया है। ईश्वर उन्हें स्वस्थ रखें एवं दीर्घायु करें।’

योगी आदित्यानाथ ने 25 मार्च 2022 को पूर्ण बहुमत से दूसरी बार चुनाव में जीत हासिल कर यूपी के मुख्‍यमंत्री पद की शपथ ली थी। वो अपने दूसरे कार्यकाल का एक साल पूरा कर चुके हैं। अपने इन छह सालों के कार्यकाल के दौरान योगी ने उत्तर प्रदेश में कई ऐसे बदलाव किए जिसको लेकर एक बड़ा तबका उनकी सराहना करता है, जबकि कुछ लोग उनके फैसले पर उंगली भी उठाते हैं। योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर शहर विधानसभा सीट से चुनाव लड़कर भारी मतों से जीत हासिल की है।

आदित्यनाथ के अगर सियासी सफर पर नजर दौड़ाएं तो उन्होंने अब तक की जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव देखें हैं, लेकिन इन सबके बावजूद वो अपने कर्तव्य पथ से भटके नहीं। एक वाक्या उनकी जिंदगी में ऐसा भी आया जब उनको भरी संसद में फूट-फूटकर रोते हुए देखा गया, लेकिन इन सबसे इतर योगी की नजर उत्तर प्रदेश को नई ऊंचाइयों पर ले जाना था।

आक्रामक तेवर के चलते योगी को जाना पड़ा था जेल

योगी को अपने आक्रामक तेवर के चलते जेल भी जाना पड़ा, लेकिन वो हर उस बाधा को पार करते गए, जिसने उनको जरा भी रोकने की जुर्रत की और गोरक्षपीठ के महंत से लेकर राजनीति के चाणक्य बनकर उभरे। आदित्यनाथ पर एक कहावत सटीक बैठती है- ‘रमता योगी, बहता पानी’। मंदिर में योगी और मंदिर की दहलीज लांघते ही राजयोगी। योगी की किताब में दो शब्द हैं हिंदुत्व और विकास। 42 साल की उम्र में वो लगातार पांच बार सांसद रहे। उनको नाथ सम्प्रदाय का अगुवा, गोरक्षपीठ के महंत, यूपी के मुख्यमंत्री, बुलडोजर बाबा न जाने कितने नामों से पुकार जाता है।

योगी से राजयोगी बनने तक का सफर

योगी से राजयोगी बने हिंदुत्व के पोस्टर ब्‍वॉय योगी आदित्‍यनाथ के अजय सिंह बिष्‍ट से यूपी के सीएम बनने का सियासी सफर भी काफी दिलचस्प है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जन्‍म 5 जून 1972 को उत्‍तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के पंचूर गांव में गढ़वाली राजपूत परिवार में हुआ। इनके पिता का नाम आनंद सिंह बिष्‍ट और माता का नाम सावित्री देवी है। सात भाई-बहनों में योगी पांचवें स्थान पर आते हैं। 22 साल की उम्र में वे सांसारिक मोह-माया छोड़कर योगी बन गए। गढ़वाल विश्‍वविद्यालय श्रीनगर से गणित से बीएससी की। साल 1993 में वे गणित में एमएससी की पढ़ाई के दौरान गोरखपुर आए। 15 फरवरी 1994 को गोरखनाथ मंदिर प्रवास के दौरान ही उन्‍होंने ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ से दीक्षा लेकर योगी बन गए और उनका नाम अजय सिंह बिष्‍ट से योगी आदित्‍यनाथ हो गया।

26 साल की उम्र में जीता लोकसभा चुनाव

बात साल 1998 की है, जब महंत अवेद्यनाथ ने योगी आदित्यनाथ को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर लोकसभा प्रत्याशी घोषित कर दिया। यहीं से 26 साल के उम्र में लोकसभा चुनाव जीतकर इनके राजनीतिक करियर की शुरुआत हुई। योगी ने जब गुरु गोरक्षनाथ मंदिर के उत्तराधिकारी के रूप में कार्यभार ग्रहण किया तो इनके ऊपर कई तरह की जिम्मेदारियां आ गईं। साथ ही योगी की ख्याति भी बढ़ती चली गई।

सांप्रदायिक भाषण देने का लगता रहा आरोप

10 फरवरी 1999 में महराजगंज जिले के थाना कोतवाली स्थित पचरुखिया कांड ने योगी आदित्यनाथ और चर्चा में ला दिया। यहीं से योगी और विवादों का चोली दामन का साथ हो गया। इसके बाद उनके ऊपर मुस्लिम विरोधी होने और सांप्रदायिक भाषण देने का आरोप लगता रहा। गोरखपुर में हुए दंगे कर्फ्यू के दौरान योगी को जेल भी जाना पड़ा।

बीजेपी से बगावती तेवर भी अपनाए

योगी आदित्‍यनाथ ने हिन्दू युवा वाहिनी और बजरंग दल जैसे संगठनों को मजबूती प्रदान कर हिन्दुत्व और विकास का नारा बुलंद किया। साल 2007 के विधानसभा चुनाव और साल 2009 के लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने भाजपा शीर्ष नेतृत्व में चल रही उथल-पुथल और पार्टी की गिरती साख को लेकर बगावती तेवर भी दिखाए। पार्टी में तवज्जो नहीं मिलने पर उन्होंने हिन्दू युवा वाहिनी से प्रत्याशियों की घोषणा तक करने का ऐलान कर दिया। इससे बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व में खबबली मच गई। इसके बाद बीजेपी ने उनको तवज्जो दी और पूर्वी उत्तर प्रदेश सहित पूर्वांचल में अपनी साख बचाए रखने का मन बनाया। इसका फायद जहां एक तरफ बीजेपी को हुआ तो वहीं योगी आदित्यनाथ का कद भी बढ़ता गया।

19 मार्च, 2017 को यूपी के मुख्यमंत्री बने

योगी ने आतंकवाद और देश विरोधी तत्वों के खिलाफ खुलकर भाषण भी दिए। यहां तक कि उन्होंने अपने तरीके से ऐसे अराजक तत्वों से निपटने तक का ऐलान किया। साल 1998, 99, 2004, 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव उन्होंने धमाकेदार जीत दर्ज की। इन जीतों ने योगी को एक अलग पहचान दी। 2014 के लोकसभा चुनाव में ताबड़तोड़ रैलियां कर उन्‍होंने स्‍टार प्रचारक की भूमिका निभाई। साथ ही गोरखपुर से चुनाव जीतकर अपनी हनक को कायम रखा। साल 2017 के उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के बाद उन्होंने 19 मार्च 2017 को यूपी के मुख्‍यमंत्री पद की शपथ ली।