आप के बागी और अब पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से भी निष्कासित योगेंद्र यादव ने नई पार्टी बनाने की अटकलों को यहां विराम देते हुए अपने समर्थकों से चर्चा में कहा कि भले ही पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल से उनके मतभेद हैं, पर इसका मतलब खूबसूरत सपने का खत्म हो जाना कतई नहीं। इस निष्कासन को यादव ने आगामी 14 अप्रैल को ‘स्वराज संवाद’ के बाद लंबे और खूबसूरत सफर का मोड़ करार दिया।
यादव और प्रशांत भूषण 14 अप्रैल को गुड़गांव में अपने अगले कदम की घोषणा करने वाले हैं। यादव मंगलवार को यहां चंडीगढ़ में इसी के लिए समर्थन जुटाने की मंशा से पहुंचे, जहां उन्होंने पंजाब और हरियाणा से आए पार्टी समर्थकों से विचार मंथन किया।
यहां पत्रकारों से चर्चा में यादव ने कहा कि वे कोई नई पार्टी खड़ी करने नहीं जा रहे। उन्होंने कहा, ‘हमारी गुड़गांव में सिर्फ एक बैठक होने वाली है। हम चर्चा करेंगे।’
कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए यादव को चार घंटे तक चली बैठक में कई तीखे सवालों से जूझना पड़ा। उन्होंने कहा, ‘बीते दो साल से देश के हालात तेजी से बदले हैं। हमने कई मोर्चों पर फतह हासिल की है। किसने सोचा था कि हमारी लड़ाई उन लोगों से होगी जो चुनाव लड़ने में करोड़ों उड़ाते हैं। मैं मानता हूं कि मेरा अपमान हुआ और बड़ी जिल्लत भी उठानी पड़ी। कुछ समय तक तो मैं बर्दाश्त करता रहा, पर अपमान और स्वाभिमान मेरे लिए कोई मसला नहीं। जब भी कुछ गलत होता है तो मैंने आवाज उठाई। मैं पंजाब में उन दलित परिवारों से माफी मांगता हूं जिन्हें दो बच्चों को खोना पड़ा पर पंजाब की आप उनके साथ कहीं खड़ी नजर नहीं आई।’
एक अन्य सवाल के जवाब में योगेंद्र यादव ने कहा, मैं आज की बैठक से संतुष्ट हूं। यह बैठक आंदोलन जैसी है, जिसमें कार्यकर्ता अपने नेता पर अंगुली उठा सकते हैं और उनसे जवाब मांग सकते हैं। यानी आंदोलन आज भी उतना ही प्रांसगिक है। मैं तीखे सवाल पूछने के लिए आप सबका आभारी हूं।
केजरीवाल पर हमला बोलते हुए यादव ने उनका नाम लिए बिना कहा, ‘फास्ट फूड संस्कृति राजनीति का हिस्सा हो गई है, जिसमें लोग तुरत-फुरत नतीजे चाहते हैं। सिर्फ 20 महीनों में बदलाव नहीं लाया जा सकता। जो लोग 20 दिन या 20 महीने में बदलाव का दावा करते फिरते हैं, वे कहीं न कहीं विचारधारा से समझौता कर रहे हैं। उन्हें ऐसा रास्ता अपनाना पड़ता है, जो चालाकी भरा तो हो सकता है, सही नहीं। पर हम लंबे समय में बड़े-बड़े बदलाव लाने को कृतसंकल्प हैं। हमें अभी कई सालों तक लंबी लड़ाई लड़नी है।’
पंजाब आप से निलंबित स्वयंसेवी प्रो मनजीत सिंह भी मंच पर यादव के साथ नजर आए। लोकसभा चुनाव में जलंधर से आप प्रत्याशी ज्योति मन अक्ष भी मंच पर विराजमान थे। यादव के साथ मंच साझा करने वालों में हरियाणा आप के संयोजक अशवंत गुप्ता के अलावा राजीव गोदारा भी थे।