Punjab News: कांग्रेस सांसद चरणजीत सिंह चन्नी ने आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वे जालंधर में कबीर जयंती कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। चन्नी ने कहा, ‘केजरीवाल दलित विरोधी हैं। उन्होंने पंजाब में दलित उपमुख्यमंत्री बनाने से इनकार कर दिया है, जो उन्होंने 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले वादा किया था। इतना ही नहीं, केजरीवाल और मान दलित गुरुओं की याद में आयोजित कार्यक्रम में भी शामिल नहीं हुए। इसका एक उदाहरण बुधवार को जालंधर में कबीर जयंती कार्यक्रम में उनकी गैरमौजूदगी है।’
कांग्रेस सांसद लुधियाना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। बुधवार को केजरीवाल और भगवंत मान जालंधर में एक पार्क का उद्घाटन करके लौटे थे। वह कबीर जयंती कार्यक्रम वाली जगह से महज तीन किलोमीटर की दूरी पर है। चन्नी ने कहा, ‘वे कार्यक्रम में भाग लेने के लिए सिर्फ 3 किलोमीटर की यात्रा क्यों नहीं कर सके, जबकि उनके पास पार्क का उद्घाटन करने के लिए पूरा समय था।’
आप सरकार दलित विरोधी – चन्नी
चन्नी ने कहा कि जालंधर में कबीर भवन का निर्माण कांग्रेस शासन के दौरान 12 करोड़ रुपये की लागत से किया गया था। चन्नी ने कहा, ‘आप सरकार के दलित विरोधी होने का सबूत यह है कि उसने अमृतसर में भगवान वाल्मीकि तीर्थ पर सरोवर की सफाई पर भी ध्यान नहीं दिया, जबकि कांग्रेस सरकार ने इसके लिए करोड़ों रुपये की मशीनरी मुहैया कराई थी।’
भगवंत मान की ऑपरेशन सिंदूर पर टिप्पणी से विवाद
उन्होंने कहा कि आप सरकार बाबा साहिब की फोटो लगाकर राजनीतिक फायदा उठाती है। वहीं इसने पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी, कपूरथला में अंबेडकर के जीवन पर रिसर्च सेंटर प्रोजेक्ट के लिए तीन साल में एक भी ईंट नहीं रखी है। इसके लिए 100 करोड़ रुपये मंजूर किए गए थे। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट को मेरे मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान मंजूरी दी गई थी, लेकिन आप के आने के बाद से इसमें कोई विकास नहीं हुई है।
चन्नी ने कहा, ‘यही सब नहीं है। जब मैं तत्कालीन कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री था, तब हमने डेरा सचखंड बल्लां प्रबंधन को गुरु रविदास पर रिसर्च सेंटर के लिए 25 करोड़ रुपये का चेक दिया था। लोकसभा चुनाव के दौरान केजरीवाल एंड कंपनी फिर से वही चेक देने डेरा पहुंची। लेकिन डेरा बल्लां को 25 करोड़ रुपये की राशि आज तक जारी नहीं की गई।’
दिल्ली वाले केजरीवाल अंकल कब अकाउंट में पैसे डालेंगे – चरणजीत सिंह
चन्नी ने कहा, ‘हाईकोर्ट के आदेश के बाद मजबूरी में इस दलित और गरीब विरोधी सरकार ने शिक्षा के अधिकार कानून पर अधिसूचना तो जारी कर दी, लेकिन इसे लागू करने के लिए कोई प्रयास नहीं किया। कानून के तहत किसी भी गरीब बच्चे को प्राइवेट स्कूल में दाखिला नहीं मिला। विधानसभा चुनाव से पहले महिलाओं को 1000 रुपये प्रति माह देने का वादा करके फॉर्म भरवाकर वोट बटोरे गए, लेकिन 40 महीने बीत जाने के बाद भी महिलाओं को एक भी रुपया नहीं मिला है। पंजाब की महिलाएं अपनी मां से रोज पूछती हैं कि दिल्ली वाले केजरीवाल अंकल उनके खातों में कब पैसे डालेंगे।’ पंजाब में 68 करोड़ रुपये की कर्ज माफी को मंजूरी