दिल्ली-नोएडा में रहने वाले लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी है। सुप्रीम कोर्ट ने लोगों को राहत देते हुए डीएनडी फ्लाईवे पर टोल की वसूली को बंद रखने के हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2016 में डीएनडी को टोल फ्री करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि डीएनडी की ओर से जो एग्रीमेंट किया गया था, वह गलत थी। उस एग्रीमेंट के तहत कंपनी हमेशा लोगों से टोल वसूल करती रहती।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डीएनडी टोल के एग्रीमेंट को रद्द कर ठीक किया। कोर्ट ने कहा कि NTBCL को बिना सार्वजनिक टेंडर जारी किए ठेका दिया गया। इस सुप्रीम कोर्ट ने पूरी तरह मनमाना और गलत फैसला बताया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली-नोएडा डीएनडी फ्लाईवे पर चलने वाले वाहनों से टोल वसूलने के लिए निजी कंपनी एनटीबीसीएल को ठेका देना अनुचित है। इस मामले में नोएडा प्राधिकरण की भी खिंचाई की गई।
क्या है पूरा मामला
नोएडा से दिल्ली को जोड़ने वाले दिल्ली-नोएडा डायरेक्ट फ्लाईवे को निर्माण 1997 में शुरू हुआ। 9.2 किमी के इस फ्लाईओवर को निर्माण 407 करोड़ रुपये की लागत से 2001 में पूरा हुआ। इसके बाद से ही यह फ्लाईवे नोएडा और दिल्ली के लिए लाइफलाइन की तरह काम कर रहा है। 2012 में इसके टोल की अवैध वसूली का मामला तूल पकड़ने लगा। हाईकोर्ट ने सरकार को आदेश दिया था वो टोल वसूले जाने पर रोक लगाए। इस मामले में याचिका 16 नवंबर 2012 को इलाहाबाद हाईकोर्ट में दायर की गई थी। 2016 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इसे टोल फ्री कर दिया। कोर्ट ने कहा कि अब तक लोगों से 2000 करोड़ रुपये की वसूली हो चुकी है। एग्रीमेंट में ऐसी शर्तें लगाई गई है जिससे कंपनी हमेशा लोगों से टोल वसूल करती रहेगी। यह पूरी तरह गलत है।
