दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार के बाद दिल्ली के पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को पंजाब के एक सरकारी स्कूल का निरीक्षण किया है। उनका यह दौरा ऐसे वक्त में हुआ है जब विपक्षी कांग्रेस आरोप लगा रही है कि अब दिल्ली के दिग्गज नेता पंजाब का रुख कर सकते हैं। पंजाब डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट ने सिसोदिया के दौरे का विरोध किया है और राज्य के मामलों में हस्तक्षेप बताया है।
पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस के साथ सिसोदिया ने तरनतारन में स्कूल ऑफ एमिनेंस का निरीक्षण किया और नूरदी के सरकारी एलीमेंट्री स्कूल में प्राइमरी टीचर्स के लिए एक सेमिनार में हिस्सा लिया। इसके बाद उन्होंने नूरदी के सरकारी मिडिल स्कूल, दलेके के सरकारी हाई स्कूल, तरनतारन के वलीपुर के सरकारी एलीमेंट्री स्कूल और मिडिल स्कूल का दौरा किया।
तरनतारन के एजुकेशन ऑफिसर राजेश कुमार ने कहा कि उन्हें सिसोदिया के दौरे के बारे में पहले से कोई जानकारी नहीं थी और जब दोनों आप नेता आए तो वे मौजूद नहीं थे। डीईओ ने कहा, “मैं अपनी ड्यूटी में बिजी था। कुछ टीचर्स ने मुझे बताया कि सिसोदिया और बैंस ने कुछ स्कूलों का निरीक्षण किया था, हालांकि मैं वहां मौजूद नहीं था।” आम आदमी पार्टी सिसोदिया को दिल्ली में शिक्षा क्रांति लाने का श्रेय देती है।
करारी हार के बाद AAP के सामने नई मुश्किल
सिसोदिया ने राज्य के मामलों में सीधा हस्तक्षेप किया- डीटीएफ
पंजाब के स्कूलों में सिसोदिया के दौरे को राज्य के मामलों में हस्तक्षेप बताते हुए डीटीएफ ने कहा कि सीएम मान के नेतृत्व वाली आप सरकार पार्टी के दिल्ली नेतृत्व के जूनियर पार्टनर के तौर पर काम कर रही है। डीटीएफ के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम देव ने कहा, “सिसोदिया और बैंस पिछले तीन दिनों से पंजाब के सरकारी स्कूलों का दौरा कर रहे हैं, लेकिन स्थानीय शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं है। इससे पहले सिसोदिया मोहाली और गुरदासपुर के स्कूलों का दौरा कर चुके हैं। सिसोदिया ने टीचर्स को निर्देश दिए और राज्य के मामलों में सीधे हस्तक्षेप किया। सत्तारूढ़ आप दिल्ली के असफल शिक्षा मॉडल को पंजाब में थोप रही है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पंजाब की सांस्कृतिक और सामाजिक रूप से अपनी अलग पहचान है। हम पंजाब के स्कूलों में आप के दिल्ली नेतृत्व को किसी भी तरह का हस्तक्षेप नहीं करने देंगे। वे दिल्ली में हार चुके हैं।”
पंजाब की एक अनूठी पहचान- मोहिंदर सिंह कौरियांवाला
डीटीएफ के महासचिव मोहिंदर सिंह कौरियांवाला ने कहा, ‘यह चिंता की बात है कि अपनी खुद की चुनी हुई सरकार होने के बावजूद, दूसरे राज्यों के राजनेता हमारे राज्य में हस्तक्षेप करने की कोशिश कर रहे हैं। पंजाब की एक अनूठी पहचान है, जो भाषा और अन्य पहलुओं के जरिये से इसके स्कूलों में भी झलकती है। दूसरे राज्यों के राजनेता हमारे राज्य में एजुकेशन के अपने असफल दिल्ली मॉडल को आगे नहीं बढ़ा सकते।’
केजरीवाल ने पंजाब के विधायकों की बुलाई थी मीटिंग
बैंस के ओएसडी दपिंदर सिंह ने कहा, “मुझे सिसोदिया के दौरे की पूरी जानकारी नहीं है, लेकिन वह आए थे। वह दिल्ली लौट गए हैं।” दिल्ली चुनाव में आप की हार के बाद 11 फरवरी को आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने पार्टी के पंजाब नेतृत्व की बैठक बुलाई थी, जिसमें सीएम मान, कैबिनेट सदस्य, सांसद और विधायक शामिल थे। पार्टी सूत्रों ने बताया कि केजरीवाल ने पंजाब के विधायकों से मुलाकात की और पंजाब में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा कि भगवंत मान सीएम बने रहेंगे। केजरीवाल के लिए अप्रत्याशित हार पढ़ें पूरी खबर…