Samajwadi Party MP Ruchi Veera: समाजवादी पार्टी की सांसद रुचि वीरा खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन के मामले में कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया है। इसके अलावा कांग्रेस नेता असद मौलाई के खिलाफ भी गैर जमानती वारंट जारी किया गया है। यह मामला लोकसभा चुनाव के दौरान का है। कांग्रेस नेता के घर पर हुई सभा को लेकर नागफनी में नगर निगम के अवर अभियंता की ओर से केस दर्ज कराया गया था। बता दें, रुचि वीरा यूपी की मुरादाबाद सीट से अखिलेश की पार्टी से सांसद हैं।

लोकसभा चुनाव में मुरादाबाद सीट से सपा-कांग्रेस गठबंधन से चुनाव लड़ी रुचि वीरा के खिलाफ प्रशासन के आदेश पर आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज कराया गया था। निगम के जेई शिव मोहन की ओर से 8 अप्रैल, 2024 को नागफनी में रुचि वीरा, कांग्रेस नेता असद मौलाई के अलावा कांग्रेस जिलाध्यक्ष असलम खुर्शीद, नदीम समेत अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।

रिपोर्ट के अनुसार, 7-8 फरवरी की रात में रुचि वीरा अन्य सहयोगियों के साथ जनसभा कर रही थीं। इस सभा में 50-60 लोग शामिल थे। पुलिस ने इस दौरान आचार संहिता उल्लंघन के आरोप में मुकदमा दर्ज किया।

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स्पेशल लोक अभियोजक मोहनलाल विश्नोई ने बताया कि गुरुवार को मामले में सांसद रुचिवीरा, असद मौलाई की ओर से सिविल जज सीनियर डिवीजन एमपी-एमएलए कोर्ट में स्थगन प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किया गया। इस पर अभियोजन पक्ष ने एतराज जताया। कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए सांसद व कांग्रेस नेता के दाखिल स्थगन प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया और उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए। मामले की अगली सुनवाई 11 मार्च को होगी।

कौन हैं रुचि वीरा

बता दें, लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान समाजवादी पार्टी सिटिंग सांसद एसटी हसन का टिकट काटकर रुचि वीरा (62 साल) को उम्मीदवार बनाया था। रुचि वीरा का जन्म 2 सितंबर 1961 को हुआ। वे मूलरूप से बिजनौर की रहने वाली हैं। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत सपा से की और बिजनौर से विधायक चुनी गईं।रुचि वीरा ने महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलखंड विश्वविद्यालय से कला स्नातक की डिग्री हासिल की है। रुचि वीरा के पास 25 करोड़ रुपये की संपति है। 2022 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने जो शपथ पत्र दाखिल किया था, उसमें करीब 25 करोड़ 86 लाख रुपये की संपत्ति का ब्यौरा दिया था।

रुचि वीरा के परिवार में कौन-कौन है?

रुचि वीरा के परिवार में उनके पति और बेटी हैं। साल 2014 में बिजनौर सीट से विधायक कुंवर भारतेंद्र सिंह लोकसभा चुनाव जीते तो यह सीट खाली हो गई। उपचुनाव में बिजनौर से रुचि वीरा ने जीत दर्ज की और पहली बार विधायक बन गईं। वे 2017 तक एमएलए रहीं। उसके बाद पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते सपा ने बाहर कर दिया। उसके बाद उन्‍होंने बसपा जॉइन कर ली। 2022 के विधानसभा चुनाव में बसपा ने रुचि को बिजनौर से प्रत्‍याशी बनाया। हालांकि उन्‍हें हार का सामना करना पड़ा। 2023 में बसपा ने भी रुचि वीरा को पार्टी से निष्कासित कर दिया। बाद में सपा में उनकी घर वापसी हुई।

रुचि वीरा को बताया जाता आजम खान का करीबी

रुचि वीरा को सपा और बसपा दोनों ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में निष्कासित किया जा चुका है। कहा जाता है कि बसपा से निष्कासित होने के बाद सपा में उनकी एंट्री वरिष्ठ नेता आजम खान की पैरवी के बाद हो पाई थी। उनकी गिनती अब आजम खान के करीबी नेताओं में होने लगी। लोकसभा चुनाव में भी रुचि वीरा को आजम खान का पसंदीदा बताया जा रहा था। यही वजह रही कि मुरादाबाद से तत्कालीन मौजूदा सांसद एसटी हसन को नामांकन के बाद अपनी उम्मीदवारी वापस लेनी पड़ी।आजम खान ने पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव पर मुरादाबाद से एसटी हसन को हटाकर रुचि वीरा को टिकट देने का दबाव बनाया था। अखिलेश यादव ज्यादा देर तक आजम खान का दबाव नहीं झेल पाए। जिसके बाद अखिलेश ने एसटी हसन को हटाकर रुचि वीरा को टिकट दिया था।

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