राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव हमेशा से ही अपने चुटीले अंदाज और नर्म स्वभाव के लिए जाने जाते रहे हैं। सार्वजनिक रैलियों में अपनी वाकपटुता के जरिए वे विपक्षी दलों पर जबरदस्त तरीके से निशाना साधते भी देखे जा चुके हैं। ऐसा ही नजारा 2015 के विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान भी रहा। माना जाता है कि उस दौर में लालू ने अपने करिश्मे से ही रैलियों में जबरदस्त समर्थन जुटाया था। हालांकि, एक मौका ऐसा भी था, जब रैली में भीड़ न जुटने और तमाम तरीके की अव्यवस्था के चलते लालू ने अपना आपा खो दिया था।
यह मौका था बिहार में 2015 विधानसभा चुनाव के लिए लालू की गया में रैली का। यहां की अत्री विधानसभा में जब वे मंच पर पहुंचे, तो माइक खराब देखकर उनका पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया। ऊपर से सामने कम भीड़ देखकर उनका गुस्सा और भड़क गया। इसके बाद रही-सही कसर इस सीट से उम्मीदवार कुंती सिंह ने पूरी कर दी। वे लालू प्रसाद यादव के पहुंचने के बाद सभा में पहुंचीं।
खुद ही इंतजाम ठीक कराने लगे थे लालू: बताया जाता है कि लालू इस सभा में भाषण के तय समय से पहले ही पहुंच गए थे, जिसकी वजह से आयोजनकर्ता ठीक से इंतजाम भी नहीं कर पाए थे। जब लालू को माइक ही खराब मिला, तो उन्होंने कहा आयोजनकर्ता से कहा कि आवाज इधर ही लौट रहा है। इसके बाद उन्होंने हॉर्न की जगह भी बदलवाई। इस दौरान जब कार्यकर्ता उन्हें बद्इंतजामी पर सफाई देने लगे, तो गुस्से में उन्होंने डांटते हुए कहा, “चुप, चल भाग।”
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लालू ने यहां तमाम अव्यवस्थाओं के बावजूद रैली की और भाजपा पर जबरदस्त निशाना साधा था। उन्होंने भाजपा को बिना दूल्हे की बारात करार दे दिया था। उन्होंने भाजपा को चूहा बताते हुए कहा था कि हाथ का चूहा बिल में घुस गया है। भाजपा वाला। पानी से नहीं, पहले धुआं रखो। अपने आप ही भाजपा भाग जाएगी।