जम्मू जिले में रहने वाले हर्ष नागोत्रा (उम्र बीस वर्ष से कुछ अधिक) 11 जून से अपने होम टाउन जौड़ियां से लापता थे। उनकी परिवार अभी तक उनकी तलाश में जगह-जगह भटक रहा था लेकिन बीते शुक्रवार को हर्ष के पिता सुभाष ने पाकिस्तान के एक अज्ञात नंबर से आ रहे व्हाट्स एप मैसेज (Whats App Messages from Pakistan) देखे तो वो हिल गए।

ये मैसेज हर्ष के मोबाइल नंबर पर आ रहे थे। मैसजों में दावा किया जा रहा था कि उनके बेटे हर्ष का शव बॉर्डर के उस पार नदी में मिला है और वहीं दफना दिया गया है। पुलिस को आशंका है कि हर्ष ने नदी में कूदकर जान दी है।

अब सुभाष चाहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तान से उनके बेटे के शव लाने में मदद करें। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि हम पीएम नरेंद्र मोदी से अपील करते हैं कि वे हमारे बेटे का शव वापस लाने में मदद करें ताकि हम उसका अंतिम संस्कार अपने धर्म के हिसाब से कर सकें। सुभाष PWD डिपार्टमेंट में दिहाड़ी पर काम करते हैं।

द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से दी गई जानकारी के अनुसार, हर्ष बीएससी की पढ़ाई पूरी करने के बाद पिछले दिसंबर से ही पास के खौर इलाके में एक टेलीकॉम फर्म में काम कर रहा था। हर्ष की गुमशुदगी के मामले की जांच कर रही पुलिस को संदेह है कि उसने ऑनलाइन गेमिंग एप्लीकेशन में 80,000 रुपये का नुकसान होने के बाद चेनाब में कूदकर आत्महत्या कर ली।

विदेश मंत्रालय से मदद मांग चुका है हर्ष का परिवार

हर्ष के पिता सुभाष ने बताया कि उनके परिवार ने विदेश मंत्रालय, गृह मंत्री और पीएमओ से मदद मांगी है। बीजेपी के सांसद जुगल किशोर शर्मा इस मामले को केंद्र के सीनियर अधिकारियों के सामने उठाएंगे। हर्ष के परिवार ने पाकिस्तानी प्रशासन से भी मदद की है कि वो उनके बेटे का शव वापस भेजने के इंतजाम करे।

11 जून को गुम हुआ था हर्ष

सुभाष के दो बेटे हैं। हर्ष बड़ा था। सुभाष याद करते हुए बताते हैं कि 11 जून को वह ऑफिस गया था और नहीं लौटा। वो कहते हैं, “शाम 7.45 बजे मैंने उसे कॉल किया लेकिन उसका मोबाइल स्विच ऑफ था। जब वह रात नौ बजे तक नहीं लौटा तो हमने उसके साथ काम करने वालों से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि हर्ष सुबह ही हाजिरी लगाने के बाद ऑफिस से चला गया था।”

इसके बाद सुभाष और उनके परिवार ने पूरी रात हर्ष को खोजा। उन्हें हर्ष की मोटरसाइकिल गुराह मन्हासा एरिया में लावारिस हालत में मिली। इसके बाद अगले दिन सुबह उन्होंने हर्ष के लापता होने की रिपोर्ट खौर पुलिस स्टेशन एरिया में लिखवाई।

कैसे मिली हर्ष के मृत होने की जानकारी?

कई हफ्तों तक जब हर्ष का कोई सुराग नहीं मिला तो उसके पिता सुभाष ने हर्ष के मोबाइल नंबर का डुप्लिकेट सिम कार्ड इशू करवाया। शुक्रवार को जब सिम एक्टिव हुआ तो परिवार को पता चला कि हर्ष के नंबर पर पाकिस्तान से लगातार मैसेज और कॉल आ रहे हैं। हर्ष की मौत के इन मैसेजों में उसके शव के साथ मिले आईडी कार्ड की तस्वीर भी थी।

इन मैसेजों को देखने के बाद सुभाष ने उस नंबर पर कॉल किया। फोन उठाने वाले व्यक्ति ने बताया कि वह पाकिस्तान के पोस्ट मार्टम डिपार्टमेंट का अधिकारी है। सुभाष ने बताया, “फोन पर बात कर रहे शख्स ने बताया कि हर्ष का शव 13 जून को बॉर्डर के उस पार मिला है। वह लगातार हर्ष के आईडी कार्ड पर लिखे नंबर पर कॉल कर रहा था और व्हाट्सएप मैसेजों के जरिए उसकी मौत की जानकारी देना चाह रहा था लेकिन उस समय नंबर काम नहीं कर रहा था।”