ग्राम पंचायत लोकतंत्र की मूल इकाई होती है और सभी व्यस्क इसके सदस्य होते हैं। ऐसे में ग्राम पंचायतों में लोकतंत्र को और मजबूत करने के लिए केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय ने ‘माॅडल यूथ ग्राम सभा’ आयोजित करने का निर्णय किया है। यह विशेष ग्राम पंचायत अक्टूबर और नवंबर के बीच आयोजित की जाएगी। इस दौरान हर ग्राम सभा में गांव की प्रमुख पांच समस्याओं को सामने रखा जाएगा और 20 लाख रुपए के बजट से समस्याओं को सुलझाने के लिए योजना तैयार की जाएगी।

क्या है ‘माॅडल यूथ ग्राम सभा’?

पंचायती राज मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमने स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग और जनजातीय कार्य मंत्रालय के साथ मिलकर देश के युवाओं को ग्राम पंचायतों के कार्यों को करने का कौशल सिखाने के लिए ‘माॅडल यूथ ग्राम सभा’ करने का फैसला किया है। इसके तहत पहले चरण में एक हजार से अधिक विद्यालयों को इसमें शामिल किया जाएगा। इनमें 620 नवोदय विद्यालय, आठ राज्यों में स्थित 200 एकलव्य विद्यालय और कर्नाटक के कुछ विद्यालय भी शामिल होंगे।

एक अधिकारी ने बताया कि इसके लिए इन विद्यालयों के दो-दो शिक्षकों को प्रशिक्षित करने का कार्य जारी है। ये शिक्षक अपने विद्यार्थियों को ‘माॅडल यूथ ग्राम सभा’ के बारे में प्रशिक्षित करेंगे। इन विद्यार्थियों में से ही सरपंच, सचिव, अन्य सदस्य, आगंनबाड़ी सदस्य आदि का चयन किया जाएगा। इसके बाद ये विद्यालय अक्तूबर और नवंबर में विशेष ग्राम सभा का आयोजन करेंगे। ग्राम सभा के आयोजन से पहले सभी चयनित विद्यार्थी ग्राम पंचायत से सभी सदस्यों से मिलेंगे और उनके कार्यों के बारे में विस्तार से जानेंगे।

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20 लाख का होगा बजट

इस दौरान गांव की प्रमुख पांच समस्याओं को ग्राम सभा के सामने रखा जाएगा और 20 लाख रुपए के बजट से इस समस्याओं को सुलझाने के लिए योजना तैयार की जाएगी। इन विद्यालयों में से बेहतर प्रदर्शन करने वाले छह विद्यालयों को दिसंबर में दिल्ली में सम्मानित किया जाएगा, उन्हें प्रमाणपत्र दिए जाएंगे और पुरस्कार में विद्यालय विकास निधि में धन दिया जाएगा।

अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में विद्यार्थियों को ‘अनुवभ’ करके सीखने की बात कही गई है और यह बिल्कुल उसी के अनुरूप है। यह अनुभव उन्हें किताबों से दूर वास्तविक दुनिया से रूबरू करेगा। इससे ग्राम पंचायत में भागेदरी की दर बढ़ेगी और युवा ग्राम पंचायतों से प्रश्न करना सीखेंगे। पंचायतों को 9 चिह्नित विषयों में सतत विकास लक्ष्यों को स्थानीयकृत करने का दायित्व सौंपा गया है। युवाओं को शामिल करके, पंचायती राज मंत्रालय यह सुनिश्चित कर रहा है कि ग्राम स्तर पर भविष्य की विकास योजनाएं युवा, जागरूक दिमागों द्वारा संचालित हों, जो स्थिरता, समानता और समावेश पर केंद्रित हों, जिससे विकसित भारत की उपलब्धि में तेजी आए।