पश्चिम बंगाल सरकार के वित्त राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य के द्वारा शुक्रवार को विधानसभा में वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 3.21 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश किया। इस दौरान विपक्षी पार्टी बीजेपी ने बजट का बहिष्कार करते हुए सदन से वॉकआउट किया। बंगाल सरकार ने अगले वित्त वर्ष के लिए 1,98,047 करोड़ रुपए के राजस्व का अनुमान जताया है जबकि सरकार करीब 1,14,958 करोड़ रुपए सार्वजनिक ऋण के जरिए जुटाने का प्रस्ताव रखा है। सरकार ने अगले वित्त वर्ष के लिए 33,144 करोड़ रुपए के पूंजीगत व्यय और 2,26,326 करोड़ के राजस्व व्यय होने का अनुमान लगाया है।
पश्चिम बंगाल सरकार ने बजट में सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी योजनाओं को विशेष तक तरजीह दी गई है। वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि बंगाल में चल रही इन सभी योजनाओं की फंडिंग बढ़ाई जाएगी। विधवा पेंशन योजना में और 8 लाख महिलाओं को लाया जाएगा। लक्ष्मी भंडार योजना का लाभ अब तक 1.5 करोड़ महिलाओं को मिला है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के अंतर्गत 20 हजार छात्रों को लाया जा चुका है।
इसके साथ सरकार ने कई चीजों पर जनता को राहत दी। इसमें बैटरी और सीएनजी से संचालित वाहनों पर 2 साल तक रजिस्ट्रेशन और रोड टैक्स में छूट दी गई। घर खरीदने वालों को राहत देते हुए ममता बनर्जी सरकार ने स्टांप ड्यूटी पर 2 फीसदी छूट व संपत्ति और जमीन खरीदने पर सर्कल रेट पर 10 फीसदी छूट की अवधि 30 सितंबर तक बढ़ाने का ऐलान किया। इसके साथ ही सरकार ने अगले 4 सालों में 1.20 करोड़ रोजगार के अवसर देने का दावा भी इस बजट में किया।
इससे पहले प्रदेश की ममता बनर्जी सरकार ने सभी अगले वित्त वर्ष के बजट को मंजूरी मिलने तक सभी भुगतानों पर रोक लगा दी है। पश्चिम बंगाल सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी किया “पश्चिम बंगाल सरकार वित्त बजट 2022-23 मंजूरी तक मार्च 2022 के सभी भुगतानों पर रोक लगाती है।
एक हफ्ते पहले कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में प्रशासन के साथ समीक्षा बैठक करते हुए ममता बनर्जी ने दावा किया था कि केंद्र सरकार के पास राज्य के करीब 90 हजार करोड़ रुपए बकाया है जो हमें अभी तक केंद्र सरकार से नहीं मिले हैं।