पश्चिम बंगाल में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर की गई विवादित टिप्पणी को लेकर विरोध प्रदर्शन हुए। इस दौरान बंगाल के हावड़ा में हिंसा भी हुई। जमकर पत्थरबाजी की गई, जिसमें कई पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। पंचला बाजार में बीजेपी के कार्यालय को भी प्रदर्शनकारियों ने तोड़ दिया और आग के हवाले कर दिया।

रविवार को घटनास्थल पर बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी जा रहे थे, लेकिन उन्हें रास्ते में ही पुलिस ने रोक लिया। शुभेंदु अधिकारी कोलाघाट के लिए रवाना हुए थे कि राधामनी क्षेत्र में पुलिस ने उन्हें रोक लिया। इस दौरान शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि उन्हें कोलकाता जाने दिया जाए क्योंकि उन्हें दो कार्यक्रम में हिस्सा लेना है।

इसके बाद नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने बंगाल के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर विरोध जताया। उन्होंने पत्र के माध्यम से कहा कि मैं हावड़ा जाना चाहता हूं क्योंकि वहां पर कई बीजेपी कार्यालय को तोड़ा गया है। मैं वहां पर अकेले जाऊंगा और इससे धारा 144 का उल्लंघन भी नहीं होगा। शुभेंदु अधिकारी ने पुलिस पर आरोप लगाया कि पूर्वी मेदिनीपुर की पुलिस काफी भारी संख्या में उनके घर के आसपास तैनात की गई थी।

शुभेंदु अधिकारी ने पत्र के माध्यम से कहा कि उनके कंटाई स्थित आवास पर भारी संख्या में पुलिस की तैनाती की गई थी। लेकिन जब यह खबरें अखबारों और समाचार चैनलों में चली उसके बाद पुलिस को हटा लिया गया। लेकिन पुलिस स्टेशन के इंचार्ज ने उन्हें कोलकाता और हावड़ा जाने से मना किया है। शुभेंदु अधिकारी ने मुख्य सचिव से आग्रह किया कि उन्हें बीजेपी कार्यालयों का दौरा करने दिया जाए।

बता दें कि शुक्रवार के बाद शनिवार को भी बंगाल में हिंसा भड़की थी और पत्थरबाजी हुई थी। इसके बाद बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों से शांति की अपील की थी और इस हिंसा के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया था। ममता बनर्जी ने ट्वीट करते हुए कहा था कि बीजेपी का पाप पूरा देश क्यों भुगते? इसके बाद बीजेपी ने ममता बनर्जी पर तुष्टीकरण का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार दंगाइयों को गिरफ्तार क्यों नहीं कर रही है?