पश्चिम बंगाल के मोमिनपुर इलाके में बीती रात दो समुदाय के बीच स्थिति तनावपूर्ण हो गई और उसके बाद जमकर हिंसा और तोड़फोड़ हुई। कई वाहनों को तोड़ा गया और आगजनी भी की गई। पूरे इलाके में तनाव की स्थिति बनी हुई है और भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किए गए हैं। वहीं इस हिंसा को लेकर बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। उन्होंने अमित शाह से पश्चिम बंगाल में केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग की है।
सुवेंदु अधिकारी ने अपने पत्र के माध्यम से ममता सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार अपराधियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं करेगी क्योंकि ये एक विशेष समुदाय से आते हैं। अधिकारी ने गृहमंत्री अमित शाह से बंगाल में तुरंत केंद्रीय सुरक्षा बल (जैसे सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्सेज) तैनात करने की मांग की है।
सुवेंदु ने ट्वीट कर भी सीएपीएफ की तैनाती की मांग की। उन्होंने लिखा, “एकबलपुर थाना को गुंडों ने कब्जा कर लिया है। ममता पुलिस ने डर के मारे फिलहाल थाने को छोड़ दिया है। कोलकाता कमिश्नर काम पर नहीं है तो कृपया केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की तैनाती की मांग करें। गृह मंत्रालय कृपया हस्तक्षेप करें।”
जानकारी के अनुसार मिलाद-उन-नबी के मौके पर मोमिनपुर के एकबालपुर में अचानक दो समुदायों के बीच स्थिति तनावपूर्ण हो गई और इसके बाद यह हिंसा में बदल गई। बेकाबू भीड़ ने सड़क पर खड़े वाहनों के अलावा आसपास की दुकानों में भी तोड़फोड़ की। कई जगहों पर पत्थरबाजी की घटना भी सामने आई है। स्थिति तनावपूर्ण होने के बाद पूरे इलाके में रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) की तैनाती कर दी गई।
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने ममता बनर्जी पर उपद्रवियों को खुली छूट देने का आरोप लगाया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, “मोमिनपुर में अपना त्योहार मनाते हुए आज शांतिपूर्ण समुदाय द्वारा हिंदुओं की बाइक और दुकानों में तोड़फोड़ की गई। हमेशा की तरह सीएम उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही हैं और उन्हें खुली छूट दे रही हैं।”
वहीं मजूमदार ने एक अन्य ट्वीट करते हुए लिखा, “कोलकाता पोर्ट के मयूरभंज में हिंदू पलायन कर रहे हैं, उनके घरों पर हमले हो रहे हैं। पुलिस चुपचाप देख रही है। कानून व्यवस्था नहीं है। स्थिति गंभीर है लेकिन सीएम ममता बनर्जी हिंदुओं को पीड़ित देख रही हैं।”