बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में गिरफ्तार ममता सरकार में मंत्री पार्थ चटर्जी की तबीयत खराब हो गई। उन्हें कोलकाता के एसएसकेएम हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है और कोर्ट ने उन्हें अगली पेशी तक अस्पताल में रहने की मोहलत दी है। वहीं ईडी द्वारा गिरफ्तारी की सूचना ना दिए जाने से बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष नाराज हैं।

शुक्रवार सुबह ईडी के अधिकारियों ने पार्थ चटर्जी के घर पर छापा मारा था और उनसे 24 घंटे तक पूछताछ की गई थी। इसी दौरान ईडी ने पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के घर भी छापा मारा था और उनके घर से करीब 21 करोड़ रुपए और 20 मोबाइल फोन बरामद किए गए थे। शनिवार सुबह ईडी ने पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार कर लिया और उसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया।

ईडी ने बंगाल सरकार में मंत्री पार्थ चटर्जी की रिमांड मांगी थी और कोर्ट ने 2 दिन तक पार्थ चटर्जी को ईडी की कस्टडी में भेज दिया। हालांकि इसी दौरान पार्थ चटर्जी की तबीयत खराब हो गई और उन्हें एसएसकेएम हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया। कोर्ट ने उन्हें अगली पेशी तक हॉस्पिटल में रहने मोहलत दी है। हॉस्पिटल जाते वक्त पार्थ चटर्जी व्हीलचेयर पर देखे गए।

वहीं ममता सरकार में उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी पर बंगाल विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी गुस्से में हैं। उन्होंने कहा है कि अगर किसी विधायक या मंत्री की गिरफ्तारी होती है तो संबंधित जांच एजेंसी को उन्हें (विधानसभा अध्यक्ष) सूचना देनी होती है। लेकिन ईडी ने यह कार्य नहीं किया। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि मुझे सूचना दिए बगैर पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी गलत है।

वहीं बंगाल सरकार में मंत्री पार्थ चटर्जी के खिलाफ ईडी से सत्ताधारी टीएमसी समयबद्ध जांच चाहती है। टीएमसी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने यह जानकारी दी है। हालांकि पार्टी ने खुद को बरामद हुए अवैध रुपयों से अलग कर लिया है।

वर्ष 2014 और 2016 में बंगाल में शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी और इस दौरान कथित तौर पर यह घोटाला सामने आया था। 2 अभ्यर्थियों ने इसके संबंध में कोर्ट में शिकायत की थी और बाद में कोर्ट ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। सीबीआई इससे पहले दो बार पार्थ चटर्जी से पूछताछ भी कर चुकी है। 2014 से 2021 तक पार्थ चटर्जी बंगाल सरकार में शिक्षा मंत्री थे।