पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल जगदीप धनखड़ के बीच विवाद किसी से छुपा हुआ नहीं है। किसी ना किसी मुद्दों को लेकर दोनों लोगों के बीच तनातनी रहती है। वहीं अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी सरकार ने एक ऐसा फैसला लिया है, जिससे एक बार फिर से विवाद उत्पन्न होने की संभावना है।
पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ने जानकारी दी है कि राज्य सरकार विधानसभा में एक बिल लेकर आएगी और इसके पारित होने के बाद राज्य सरकार द्वारा संचालित विश्वविद्यालयों के चांसलर अब गवर्नर नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री होंगी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में सरकार ने फैसला लिया है। फैसले की जानकारी राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने दी। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, “आज हमने फैसला किया है कि सभी सरकारी विश्वविद्यालयों में चांसलर मुख्यमंत्री होंगी, राज्यपाल नहीं। अधिनियम में संशोधन के लिए बिल विधानसभा में पेश किया जाएगा।”
पिछले कई महीनों से राज्य सरकार के साथ कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर राजभवन का विवाद चल रहा था और अब इस विवाद के बाद राज्य सरकार ने यह फैसला लिया है। राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने पहले आरोप लगाया था कि राज्य सरकार ने राजभवन की सहमति के बिना कई कुलपतियों की नियुक्ति की थी।
वहीं आज राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंत्रियों को लाल बत्ती का इस्तेमाल न करने की सलाह दी है। कोलकाता पुलिस के सम्मान समारोह में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, “मैंने राज्य के कैबिनेट मंत्रियों से कहा है कि यात्रा के दौरान अपनी कारों के ऊपर लाल बत्ती का इस्तेमाल न करें। यहां तक कि पुलिस सुचारू आवाजाही के लिए लाल बत्ती का इस्तेमाल करती है। यह सब लोगों द्वारा सराहा नहीं जाता है और लोगों को यह पसंद नहीं है।”
वहीं बंगाल ने शिक्षा के क्षेत्र में एक अहम स्थान हासिल किया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट कर शिक्षा विभाग को बधाई दी। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, “मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि पश्चिम बंगाल ने ‘स्कोच स्टेट ऑफ गवर्नेंस रिपोर्ट 2021’ में राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा के क्षेत्र में शीर्ष स्थान हासिल किया है। 18 जून 2022 को नई दिल्ली में पश्चिम बंगाल को अवार्ड किया जाएगा। पश्चिम बंगाल की शिक्षा टीम को मेरी बधाई और शुभकामनाएं।”