पश्चिम बंगाल सरकार ने हाल ही में दावा किया था कि वर्ष 2021 में बंगाल में आत्महत्या के कारण एक भी किसान की मृत्यु नहीं हुई है। यह जानकारी एनसीआरबी की रिपोर्ट से प्राप्त हुई थी। लेकिन एक आरटीआई रिपोर्ट में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। आरटीआई के अनुसार केवल बंगाल के पश्चिमी मेदिनीपुर जिले में 122 किसानों की मृत्यु आत्महत्या के कारण हुई है। इसको लेकर बीजेपी ने ममता सरकार पर निशाना साधा है।
आरटीआई एक्टिविस्ट विश्वनाथ गोस्वामी ने बंगाल सरकार से जानकारी मांगी थी कि वर्ष 2021 में कितने किसानों की मृत्यु आत्महत्या के कारण हुई है? इसके जवाब में बंगाल सरकार ने लिखित जवाब देते हुए बताया कि 2021 में राज्य के सिर्फ पश्चिमी मेदिनीपुर जिले में 122 किसानों ने आत्महत्या की। इसके साथ ही इस जिले में वर्ष 2022 में अबतक 34 किसान आत्महत्या कर चुके हैं। राज्य के लोक राज्य सूचना अधिकारी और पश्चिम मेदिनीपुर जिले के पुलिस उपाधीक्षक ने यह जानकारी आरटीआई एक्टिविस्ट को दी। बता दें कि बंगाल विधानसभा में सोमवार को केन्द्रीय जांच एजेंसियों के खिलाफ प्रस्ताव पास हुआ है।
वहीं अब इस मुद्दे को लेकर ममता सरकार विपक्ष के निशाने पर है। बीजेपी नेता अमित मालवीय ने ट्वीट कर ममता सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, “एनसीआरबी की नई रिपोर्ट में पश्चिम बंगाल सरकार ने बताया कि राज्य में आत्महत्या के कारण एक भी किसान की मृत्यु नहीं हुई। लेकिन एक आरटीआई कार्यकर्ता ने पता लगाया कि सिर्फ पश्चिम मेदिनीपुर में इसी अवधि में किसानों की मौत की संख्या 122 थी। ममता बनर्जी को स्पष्टीकरण देना चाहिए। यह सिर्फ चोरों की सरकार नहीं है, बल्कि अपराधियों की भी है।”
आरटीआई के अनुसार बंगाल के पश्चिमी मेदिनीपुर जिले के गोलतोर में 14, केशपुर में 8, आनंदपुर में 10, केशिअरी में 5, दंतन में 7, मोहनपुर में 7, पिंगला में 8 जबकि घाटल में सबसे अधिक 63 किसानों की मृत्यु आत्महत्या के कारण हुई है। वहीं इस वर्ष भी अबतक 34 किसानों की मृत्यु आत्महत्या के कारण हो चुकी है।
वहीं आरटीआई कार्यकर्ता ने इंडिया टुडे समाचार चैनल से बात करते हुए दावा किया कि बंगाल में अपराध ठीक से दर्ज नहीं हो रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि किसान आत्महत्या बंगाल में बहुत बड़ा मुद्दा है। बता दें कि एनसीआरबी में जो आंकड़े दर्ज होते हैं, वे राज्य सरकार की ओर से भेजे जाते हैं।