कोलकाता। पश्चिम बंगाल के बर्दवान जिले में बीते दो अक्तूबर को हुए धमाके की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजंसी (एनआइए) की टीम ने सोमवार को मौके का दौरा किया। यह टीम वहां एक मदरसे में भी गई। जांच एजंसी ने इस मदरसे से बड़ी संख्या में किताबें और दस्तावेज, 12 ट्रंक और एक कार जब्त की। समझा जाता है कि मदरसे में खागरागढ़ विस्फोट के आरोपियों को जिहादी विचारधारा के लिए कट्टर बनाया गया।

पुलिस ने बताया कि एनआइए की टीम के साथ पुलिस अधीक्षक एसएमएच मिर्जा भी मौके पर गए। यह टीम सुबह सबसे पहले बर्दवान शहर में स्थित खागरागढ़ गई और उस घर का मुआयना किया जहां धमाका हुआ था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक जांच टीम ने बाद में खागरागढ़ से लगभग 50 किमी दूर मंगलकोट थाने के तहत स्थित सिमुलिया का दौरा किया। उग्रवादियों ने वहीं स्थित एक मदरसे में बम बनाने का प्रशिक्षण लिया था।

पुलिस ने कहा कि जांचकर्ताओं ने एक स्थानीय इमाम से किताबों के बारे में जानकारी हासिल करने में मदद ली। ये किताबें अरबी और उर्दू में हैं। उन्होंने कहा कि कुछ जिहादी साहित्य भी जब्त किया गया। सूत्रों ने कहा कि 12 ट्रंकों को खोलकर इसकी सामग्रियों की जांच की जाएगी।

पुलिस ने कहा कि एनआइए के लोगों ने मदरसा के भीतर खड़ी एक कार भी जब्त कर ली। इसके नंबर प्लेट वास्तव में एक मोटरसाइकिल के हैं जो मुर्शिदाबाद जिले के एक व्यक्ति के नाम से पंजीकृत है। सूत्रों ने कहा कि इस व्यक्ति से पूछताछ की जाएगी। पीले रंग की बंद कार के आगे और पीछे के शीशे पर ‘भारतीय सेना’ लिखा हुआ था। संदेह है कि कार का इस्तेमाल गिरफ्तार दो महिलाओं रजिया और अमीना को मदरसा और खागरागढ़ के बीच लाने-ले जाने में किया जाता था।

खागरागढ़ में दो अक्तूबर को हुए विस्फोट में जमात उल मुजाहिद्दीन बांग्लादेश के संदिग्ध सदस्य शकील अहमद और सोवन मंडल मारे गए थे और एक व्यक्ति जख्मी हो गया था।
एनआइए से पहले मामले की जांच कर रही पश्चिम बंगाल सीआइडी को खागरागढ़ से गिरफ्तार दो महिलाओं से मदरसे के बारे में जानकारी मिली थी।
पुलिस ने कहा कि एनआइए गोताखोरों की मदद से नजदीक के एक तालाब की तलाशी भी ले सकती है ताकि पता लगाया जा सके कि कोई चीज पानी के अंदर छुपा कर रखी गई तो नहीं।

पश्चिम बंगाल में विस्फोट के सिलसिले में दो महिलाओं सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जबकि छह और लोगों को असम से गिरफ्तार किया गया। एनआइए की विशेष अदालत कोलकाता के 10 अक्तूबर के आदेश के मुताबिक मामले के दस्तावेजों और संबंधित सामग्रियों को सीआइडी से एनआइए को सौंपने की प्रक्रिया चल रही है। एनआइए को खागड़ागढ़ विस्फोट की जांच 10 अक्तूबर को सौंपी गई थी।

एनआइए से पहले इस धमाके की जांच कर रही राज्य खुफिया विभाग की टीम को उस घर से गिरफ्तार अलीमा बीबी और रजिया बीबी से उस मदरसे के बारे में पता चला था।

उक्त धमाके के सिलसिले में अब तक दो महिलाओं समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। एनआइए ने 10 अक्तूबर को इस घटना की जांच शुरू की थी। कोलकाता स्थित एनआइए की विशेष अदालत ने राज्य पुलिस को इस मामले से संबंधित तमाम कागजात एनआइए को सौंपने का निर्देश दिया है।

इस बीच, भाजपा ने आज आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने बर्दवान कांड पर अपने रवैए से केंद्र सरकार के लिए मुश्किलें पैदा कर दी हैं। पार्टी के नेता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने यहां पत्रकारों से कहा कि इस कांड पर राज्य सरकार के रवैए ने बांग्लादेश का हौसला बढ़ा दिया है। उसे जमीन विवाद और तिस्ता के पानी के बंटवारे पर बातचीत के लिए एक ताकत मिल गई है। उन्होंने कहा कि केंद्र की सरकार पूरी तरह पारदर्शी है। इसलिए बांग्लादेश से बातचीत के दौरान आम लोगों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने ममता के रवैए को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया।

दूसरी ओर, तृणमूल कांग्रेस नेता पार्थ चटर्जी ने बर्दवान धमाके के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि दिल्ली की सरकार सीमा की सुरक्षा के प्रति गंभीर नहीं है। यही वजह है कि सीमा पार से लोग अवैध तरीके से राज्य में पहुंच रहे हैं।