बीते सोमवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की पश्चिम बंगाल यूनिट जाधवपुर यूनिवर्सिटी में कथित ‘राष्ट्रविरोधी गतिविधियों’ के खिलाफ रैली निकाल रहे थे। जाधवपुर यूनिवर्सिटी की वुमन स्टडीज डिपार्टमेंट से जुड़ीं डॉक्यूमेंट्री फिल्ममेकर देबोलीना इस रैली को अपने कैमरे में कैद कर रही थीं। देबोलीना यूनिवर्सिटी के गेट नंबर 4 के बाहर खड़े कुछ पत्रकारों के पास पहुंचीं। इस जगह पर रैली खत्म होनी थी। देबोलीना ने पत्रकारों से कहा, ‘क्या मैं आप लोगों के साथ रह सकती हूं। एबीवीपी के समर्थक हमें धमकाने की कोशिश कर रहे हैं। वे हमारी तस्वीरें खींच रहे हैं। हमसे पूछ रहे हैं कि हम कहां से हैं। रैली में मौजूद कुछ महिलाओं ने हमें धक्का भी दिया।’
यह घटना एबीवीपी के ‘जाधवपुर यूनिवर्सिटी की लड़कियों’ को लेकर रवैए की प्रतीक है। बीते शुक्रवार को एबीवीपी और वाम समर्थित छात्र यूनियनों के सदस्यों के बीच जमकर मारपीट हुई थी। यह बवाल डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री की फिल्म बुद्धा इन ए ट्रैफिक जाम की स्क्रीनिंग के दौरान हुआ। इस दौरान कुछ लड़कियों से कथित तौर पर छेड़छाड़ भी हुई थी। देबोलीना ने बताया, ”स्क्रीनिंग के बाद, वहां बाहर से आए लोग जो खुद को एबीवीपी का सदस्य बता रहे थे, न हमें गालियां दीं। उन्होंने खास तौर पर महिला स्टूडेंट्स को निशाना बनाया। उनकी भाषा महिला विरोधी थी। पुरुष छात्रों से धक्कामुक्की हुई जबकि लड़कियों का यौन उत्पीड़न हुआ।” देबोलीना और 9 अन्य लड़कियों ने एबीवीपी सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।
सोमवार की रैली में कुछ एबीवीपी के कुछ नेताओं ने ऑन रिकॉर्ड जाधवपुर यूनिवर्सिटी की महिला स्टूडेंट्स की आलोचना की। एबीवीपी लीडर सुमन दत्ता ने जेयू की लड़कियों पर ‘गैर जरूरी ड्रामा’ करने का आरोप लगाया। सुमन ने कहा, ‘ये लड़कियां छेड़छाड़ होने का दावा करती हैं। क्या आपने उन्हें देखा है? किसी को उन्हें बताना चाहिए कि जिन लड़कियों को शर्म आती है, छेड़छाड़ सिर्फ उनसे ही की जा सकती है। ये लड़कियां मर्दों को खुलेआम किस करती हैं। ये पूरे दिन यही काम करती हैं।’
अपनी बात साबित करने के लिए कुछ एबीवीपी समर्थकों ने जवान लड़के और लड़कियों की कुछ तस्वीरें फेसबुक और वॉट्सऐप पर रिलीज कीं, जिनमें वे खुले खेत में एक दूसरे को किस करते नजर आ रहे हैं। तस्वीर के साथ बांग्ला भाषा में जो टेक्स्ट है, उसमें लिखा है कि यह जाधवपुर यूनिवर्सिटी का दृश्य है। वहीं, जाधवपुर यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट पेज ने जल्द ही इस तस्वीर को ओरिजनल कैप्शन के साथ पोस्ट किया। यूनिवर्सिटी की इंग्लिश डिपार्टमेंट की पूजा सेन ने बताया, ‘यह फोटो पेरू में हुए किसिंग फेस्टिवल का है। यह जाधवपुर यूनिवर्सिटी नहीं है।’
एबीवीपी के राज्य सचिव सुबीर हलदार ने दावा किया कि यूनिवर्सिटी की महिला स्टूडेंट को निशाना बनाने की कोई कोशिश नहीं की जा रही। उन्होंने कहा, ‘वे हमारे शब्दों को तोड़मरोड़ कर पेश कर रहे हैं ताकि ऐसा लगे। हमारे किसी सपोर्टर ने महिला स्टूडेंट्स पर हमला नहीं किया। वे जेयू स्टूडेंट थे, जिन्होंने हम पर हमला किया। हमारी पार्टी तो चाहती है कि कैंपस की महिलाओं को पाश्चात्य सभ्यता का अंधभक्त बनने से रोका जाए। हमारी लड़ाई यूनिवर्सिटी कैंपस में चल रही देश विरोधी गतिविधियों के खिलाफ है।’
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यूनिवर्सिटी के आर्ट्स स्टूडेंट्स असोसिएशन के तितिर चक्रवर्ती का दावा है कि ऐसा पहली बार नहीं, जब एबीवीपी समर्थकों ने कथित तौर पर जाधवपुर यूनिवर्सिटी की महिला स्टूडेंट्स को निशाना बनाया। तितिर ने बताया कि फरवरी महीने में जब स्टूडेंट्स और टीचर ने गेट पर मानव श्रृंखला बनाकर एबीवीपी की रैली को यूनिवर्सिटी में दाखिल होने से रोकना चाहा तो महिला विरोधी नारे लगाए गए। चक्रवर्ती ने कहा, ‘रैली से कई दिन पहले खुद को एबीवीपी समर्थक बताने वाले कुछ बाहरी लोग कैंपस में घुस आए और हमारे पोस्टर फाड़ डाले। उन्होंने आरोप लगाया कि संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु के समर्थन में देश विरोधी नारे कैंपस में लगाए गए हैं। उन्होंने हमें गालियां दीं।’ जेयू के कई स्टूडेंट्स के मुताबिक, एबीवीपी के समर्थक किस करने को राष्ट्रविरोधी गतिविधि मानते हैं। पूजा सेन ने कहा, ‘एक वीडियो में मैंने एबीवीपी के समर्थक यूनिवर्सिटी की लड़कियों के अंडरगारमेंट्स के बारे में बात करते सुना। वे हमें लेकर इतना ज्यादा आसक्त क्यों हैं?’
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