पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री के सीएम ममता बनर्जी को दीदी ओ दीदी कहकर बुलाने के अंदाज पर राजनीतिक बहस छिड़ गई है। टीएमसी इसे अपने सुप्रीमो का अपमान बता रही है और भाजपा पर राजनीतिक मर्यादा को तोड़ने का आरोप लगाया तो वहीं भाजपा ने कहा कि दीदी कहकर पीएम ने कोई अपमान नहीं किया है। वह सीएम ममता बनर्जी को पूरा सम्मान देकर दीदी कहते हैं।

बंगाल में विधानसभा का चुनाव चल रहा है। ऐसे में पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम ममता के बीच जुबानी नोकझोंक जारी है। एंकर चित्रा त्रिपाठी ने पूछा कि पीएम के अंदाज पर टीएमसी को इतनी परेशानी क्यों है। दीदी तो सम्मान का शब्द है। पीएम मोदी के ममता बनर्जी को दीदी ओ दीदी कहकर कथित रूप से तंज कसने पर टीएमसी नेता संजय शर्मा ने प्रधानमंत्री मोदी ने सीएम ममता बनर्जी को दीदी सम्मान की दृष्टि से नहीं उन पर तंज कसने और उन्हें चिढ़ाने के अंदाज में बोला है। इस पर भाजपा नेता सौरव सिकदर ने कहा कि टीएमसी के नेता खुद बताएं कि दीदी कैसे कहा जाए।

राजनीतिक विश्लेषक अवनिजेश ने कहा जो लोग नड्डा, खड्डा, फड्डा बोलता है, दैत्य, दानव, धृतराष्ट्र बोलता है, यहां तो दीदी कहा जा रहा है, उनको टोन पर आपत्ति है, शब्द चाहे जैसी आपकी मर्जी हो इस्तेमाल करें। ममता बनर्जी तो कहती हैं कि मोदी को पीएम भी नहीं मानती हैं। उन्होंने पीएम को पत्थर का रसगुल्ला भेजने की बात कही है। हम तो नहीं चिढ़ते हैं।

उन्होंने कहा कि ममता एक तरफ चंडी पाठ करती हैं और दूसरी तरफ कहती हैं कि सभी मुसलमान एक हो जाओ। वो परेशान हैं। उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि क्या करें।

टीएमसी नेता संजय शर्मा ने कहा कि पीएम मोदी उन्हें दीदी न कहें, लेकिन ऐसे चटखारे लेकर न बोलें। कहा कि ऐसे अंदाज सीधे-सीधे अपमान करना हुआ।

टीएमसी नेता ने कहा कि बंगाल की जनता को कोई भ्रम नहीं है। वह उन्हें भारी बहुमत से जीत दिलाकर फिर से उनकी सरकार बनाने जा रही है। जनता जानती है कि दीदी ने जनता के लिए जो कुछ किया है, वह कोई दूसरी पार्टी कभी नहीं कर सकती है।