Majerhat Kolkata Bridge Collapse: दक्षिण कोलकाता के माजेरहाट इलाके में मंगलवार (4 अगस्त) की शाम ओवरब्रिज का एक हिस्सा ढह गया। इस हादसे में कई गाडि़यों के मलबे में दबे होने की सूचना है। हादसे में अभी तक कुल 10 लोगों के घायल होने की सूचना मिली है। जबकि कई अन्य कई मलबे में दबे होने की आशंका है। घटनास्थल पर राहत और बचाव का काम शुरू कर दिया गया है। एंबुलेंस लगातार घायलों को अस्पताल पहुंचाने में जुटी हुई है। जिस ओवरब्रिज से हादसा हुआ है वह बेहाला को कोलकाता के दूसरे इलाकों से जोड़ता है। ये ओवरब्रिज माजेरहाट रेलवे स्टेशन के पास ही बना हुआ है। ये पुल करीब 64 साल पुराना है। इस हादसे में किसी मौत की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन स्थानीय लोगों ने एक शख्स की मौत का दावा किया है।

गौरतलब है कि कोलकाता में 2016 में भी इसी तरह का हादसा हुआ था। उस समय निर्माणाधीन विवेकानंद फ्लाईओवर का एक हिस्सा गिरने से 25 लोगों की मौत हो गई थी और करीब 70 लोग घायल हो गए थे।

पुल गिरने के मामले में भाजपा नेता मुकुल रॉय ने राज्य सरकार पर ही दोष मढ़ा है। मुकुल रॉय ने कहा कि राज्य सरकार और मुख्यमंत्री ही पुल गिरने की घटना के लिए कसूरवार हैं। वे कहते रहते हैं कि शहर का सुंदरीकरण हो रहा है, लेकिन पुराने निर्माणों की मरम्मत पर उनका ध्यान नहीं है। राज्य सरकार को इस पुल ढहने की घटना की पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।

वहीं पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने हादसे के कारणों की जांच करवाने की बात कही है। ममता बनर्जी ने फिलहाल राहत और बचाव कार्य पर केंद्रित रहने की बात कही है।

कोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार मौके पर हैं और बचाव दल का नेतृत्व कर रहे हैं। उनके अलावा कोलकाता शहर के मेयर भी मौके पर मौजूद हैं। नगर निगम के कर्मचारी भी मलबा हटाने के काम में जुटे हुए हैं।
अभी तक इस हादसे में मरने वालों की संख्या की पुष्टि नहीं हो सकी है। कहा जा रहा है कि हादसा स्थल के पास ही सेना की छावनी भी है। वहां से भी मदद मांगी गई है। फिलहाल फायर ब्रिगेड और एनडीआरएफ के अलावा पुलिस के साथ ही स्थानीय लोग भी मदद में जुटे हुए हैं।
स्थानीय लोगों का दावा है कि इस मलबे के नीचे एक मिनी बस भी दब गई है। अगर उनकी बात सच हुई तो नुकसान और मरने वालों की संख्या में बड़ा इजाफा हो सकता है।
फिलहाल बिजली विभाग ने ऐहतियातन पुल के आसपास के इलाके की बिजली काट दी है। लेकिन वैकल्पिक व्यवस्था से जनरेटर के जरिए बिजली आपूर्ति बहाल रखने की कोशिश की जा रही है।