पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बंगाल हिंसा के लिए केंद्र सरकार पर हमला बोला है। ममता ने कहा कि राज्य में हिंसा की घटनाओं को रोकने के लिए केन्द्र सरकार ने कोई मदद नहीं की। उल्टे उनके मंत्री बंगाल में आकर हिसा को भड़का रहे हैं। ममता ने आरोप लगाया कि हिंसा के शुरुआती दिनों में ही उन्होंने केंद्र सरकार से सीआरपीएफ बल की मांग की लेकिन केंद्र ने सहयोग नहीं किया। इसके साथ ही ममता ने दार्जिलिंग के लोगों से शांति बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा, “मैं दार्जिलिंग से अपील करती हूं कि हिंसा का साथ न दें, शांति बनाए रखें।” ममता ने बशीरहाट और बदरुइया की घटना की न्यायिक जांच की बात कही है। ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल तक ही नहीं रुकीं। उन्होंने कहा कि कश्मीर जल रहा है, एमपी में किसान मर रहे हैं लेकिन भाजपा की सरकारें वहां हिंसा रोकने में सक्षम नहीं हैं। ममता ने कहा कि भाजपा के सांसद और केंद्रीय मंत्री पश्चिम बंगाल आकर हिंसा को भड़का रहे हैं। बता दें कि शनिवार को भाजपा के तीन सांसद ओमप्रकाश माथुर, मीनाक्षी लेखी और सत्यपाल सिंह बशीरहाट जाने की कोशिश कर रहे थे लेकिन पुलिस-प्रशासन ने उन्हें जाने से रोक दिया।
भारत-चीन के बीच सिक्किम विवाद के बीच ममता बनर्जी ने दार्जिलिंग हिंसा पर कहा कि इसके पीछे विदेशी साजिश है। बावजूद इसके सरकार वहां मदद नहीं कर रही है। ममता ने कहा कि लोकतंत्र में बातचीत से ही मुद्दों का समाधान निकाला जाता है लेकिन उनसे पहले शांति बहाली जरूरी है। उन्होंने दार्जिलिंग के लोगों से शांति बहाली की अपील की है।
इस बीच केंद्र सरकार ने बीएसएफ की चार कंपनियां बशीरहाट भेजी हैं। इससे पहले चार अतिरिक्त कंपनियां पहले ही गृह मंत्रालय भेज चुका है। इधर, पृथक गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर कई दिनों से सुलग रहा पश्चिम बंगाल के उत्तरी पर्वतीय इलाके में शनिवार को फिर से हिंसा भड़क उठी, जिसके बाद सेना को तैनात करना पड़ा। पुलिस पर गोरखालैंड के एक कार्यकर्ता को गोली मारने का आरोप लगाते हुए गोरखालैंड जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के समर्थकों ने शनिवार को जमकर उत्पात किया और पुलिस की एक सीमा चौकी तथा सरकारी कार्यालयों पर हमला कर दिया।
देखिए दंगे की आग में जल रहे पश्चिम बंगाल के बशीरहाट की तस्वीरें
दार्जिलिंग जिले के सोनादा में शुक्रवार की देर रात अचानक भड़की हिंसा में 30 वर्षीय तासी भूटिया की मौत हो गई। कथित तौर पर जीजेएम के कार्यकर्ताओं ने कई वाहनों के साथ तोड़-फोड़ की। भूटिया को अपना सक्रिय कार्यकर्ता बताते हुए गोरखालैंड गोरखा नेशनल लिबरेशन फ्रंट (जीएनएलएफ) ने आरोप लगाया है कि उसकी मौत पुलिस की गोलीबारी से हुई। हालांकि पुलिस ने आरोपों से इनकार किया है।
जीएनएलएफ के नेता नीरज जिम्बा ने कहा, “एक निर्दोष गोरखालैंड समर्थक की गोली मारकर हत्या कर दी गई..हम बेहद दुखी हैं और सदमे में हैं।” दूसरी ओर जीजेएम ने मृतक को अपना सदस्य बताया है। जीजेएम के सहायक महासचिव बिनय तमांग ने कहा, “इस पर्वतीय इलाके में एक और व्यक्ति की मौत हो गई।” जीजेएम द्वारा पृथक गोरखालैंड की मांग के समर्थन में बुलाई गई हड़ताल लगातार 25वें दिन शनिवार को भी जारी रही।