भारतीय जनता पार्टी के एक और कार्यकर्ता की मौत से पश्चिम बंगाल की सियासत गरमा गई है। मैना विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी कार्यकर्ता कृष्णा पात्रा बुधवार (11 मई, 2022) को मृत पाए गए। प्रदेश में बीजेपी अध्यक्ष सुकांता मजूमदार ने तृणमूल कांग्रेस पर कृष्णा पात्रा की मौत का आरोप लगाया है। बीजेपी का कहना है कि पात्रा को पहले उसके घर से अगवा किया गया और फिर टीएमसी के बदमाशों ने उसकी हत्या कर दी।
सुकांता ने बीजेपी कार्यकर्ता के शव की एक तस्वीर साझा करते हुए ट्विटर पर लिखा, “पूर्वी मिदनापुर जिले के मैना विधानसभा क्षेत्र से भाजपा कार्यकर्ता कृष्णा पात्रा को उनके घर से अगवा कर लिया गया और रात के अंधेरे में टीएमसी के बदमाशों ने उनको मार डाला।” उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस एक के बाद एक भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या कर रही है। उन्होंने कहा, “ममता के साथ बंगाल में क्रूरता का राज है।”
बता दें कि इससे पहले 6 मई को BJYM कार्यकर्ता अर्जुन चौरसिया का शव कोलकाता के काशिपुर में एक इमारत में लटका मिला था। इसी दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बंगाल के दौरे पर थे। इस दौरान उन्होंने मृतक के परिवार से भी मुलाकात की थी। उन्होंने इसके लिए सत्तारूढ़ पार्टी टीएमसी को जिम्मेदार ठहराते हुए सीबीआई से मामले की जांच की मांग की थी।
उधर, बंगाल में बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष ने भी राज्य सरकार पर हमला करते हुए कहा कि पोस्टमोर्टम रिपोर्ट से मौत के असली कारणों का पता चल जाएगा। उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ दल इस तथ्य को छिपा नहीं सकता कि पिछले विधानसभा चुनावों के बाद से उसके कार्यकर्ताओं द्वारा लगभग 50 बीजेपी कार्यकर्ताओं और नेताओं की हत्या कर दी गई।
कोर्ट के निर्देश पर कमांड अस्पताल में पोस्टमार्टम किया गया। अदालत में सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया कि मौत से पहले हाथापाई के कोई निशान नहीं थे और मौत का कारण फांसी है। इसके बाद टीएमसी ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए एक ट्वीट में कहा कि भारतीय जनता पार्टी बहुत नीचे गिर गई है।
एक संवाददाता सम्मेलन में, टीएमसी मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा, “वे पहले ही ये कैसे कह सकते हैं कि यह एक हत्या थी? बंगाल की छवि धूमिल करने की जानबूझकर कोशिश की जा रही है। वे इसे आजमा रहे हैं और अब ऑटोप्सी रिपोर्ट से परेशान हैं।” इस बीच, भाजपा ने अडिग रूप अपनाते हुए इस बात पर जोर देने की कोशिश की कि कैसे पश्चिम बंगाल में खराब कानून-व्यवस्था एक बड़ा मुद्दा है। पीड़ित की वकील और बीजेपी नेता प्रियंका टिबरेवाल ने कहा, “हम यह नहीं भूल सकते कि यह एक हत्या है। वह दबाव में था। हम इस आंदोलन को आगे बढ़ाएंगे।”