पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर में एक लड़की का शव मिलने से जिले के एक हिस्से में रविवार (19 जुलाई, 2020) को हिंसा भड़क गई। करीब 200 लोगों के एक समूह ने एनएच31 को ब्लॉक कर दिया और तीन सरकारी बसों और तीन पुलिस वाहनों को आग के हवाले कर दिया। प्रदर्शनकारी आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि किशोरी रविवार सुबह सिलीगुड़ी के पास सोनापुर गांव में स्थित अपने घर से शौचालय जाने के लिए निकली थी, जिसके बाद उसको कथित रूप से अगवा कर लिया गया। वह कुछ घंटों के बाद मृत मिली। ग्रामीणों का आरोप है कि उसकी हत्या करने से पहले उसके साथ रेप किया गया है।

अधिकारियों ने बताया कि पुलिस कर्मी भीड़ को हटाने की कोशिश कर रहे थे तभी उत्तर बंगाल राज्य परिवहन निगम की तीन बसों को आग लगा दी गई। साथ में पुलिस की तीन गाड़ियों को भी फूंक दिया गया। अधिकारियों ने बताया कि अवरोध और प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए रैपिड एक्शन बल समेत अतिरिक्त बल मौके पर बुलाया गया।

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इधर राज्य में विपक्षी दल भाजपा ने कहा कि लड़की स्थानीय भाजपा नेता की बहन है। पार्टी ने आरोप लगाया कि एक टीएमसी नेता ने उसके साथ बलात्कार किया और हत्या कर दी। हालांकि राज्य की सत्ता पर काबिज टीएमसी ने इन आरोपों से इनकार किया है। पार्टी ने भाजपा पर लोगों के एक वर्ग को उकसाने और शांति व्यवस्था भंग करने की कोशिश करने का आरोप लगाया। टीएमसी ने कहा कि पुलिस ने मौत का कारण जहर का असर बताया और कहा कि शारीरिक या यौन हमले के कोई संकेत नहीं मिले। मामले में अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।

सूत्रों ने बताया कि किशोरी ने बीते सप्ताह ही दसवीं बोर्ड की परीक्षा पास की थी और शनिवार रात से ही घर से लापता थी। खोजबीन शुरू की गई तो उसका शव रविवार सुबह एक पेड़ के नीचे मिला। परिजन तुरंत उसे सब डिवीजन हॉस्पिटल ले गए जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

इस घटना के बाद इलाके में तनाव पैदा हो गया। लोगों के एक समूह को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज का सहारा भी लेना पड़ा। लोग आरोपी की गिफ्तारी की मांग करने के लिए इकट्ठा हुए थे। मगर जल्द ही और भी लोग समूह में शामिल हो गए और बसों व पुलिस वाहनों को निशाना बनाया गया। सड़क पर टायर फेंककर उनमें आग लगा दी गई। इस दौरान पुलिसकर्मियों ने आंसू गैस के गोले दागे तो उनपर पथराव किया गया।