पश्चिम बंगाल में कोरोनावायरस के खतरे के बीच पुलिस ने एक शख्स को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि यह शख्स कोरोनावायरस का इलाज बताकर गोमूत्र बेच रहा था। इस फर्जीवाड़े का खबर सामने आने राज्य पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की। आदेश के बाद पुलिस ने हुबली से इस व्यक्ति को तुरंत गिरफ्तार किया।

मालूम हो कि सरकार की तरफ से कोरोनावायरस को लेकर फर्जी सूचना फैलाने वालों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया गया है। पुलिस के अनुसार यह व्यक्ति लोगों को कोरोनावायरस की बीमारी का इलाज गोमूत्र से होने की बात कह कर उन्हें ठग रहा था।

पुलिस का कहना है कि इस व्यक्ति की पहचान महमूद अली के रूप में हुई है। महमूद अली हुबली के दमदम में एक स्टॉल लगा कर कोरोनावायरस के इलाज के नाम पर गोमूत्र के जरिये लोगों से ठगी कर रहा था। पुलिस ने आरोपी महमूद के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।

बताया जा रहा है कि यह व्यक्ति हाईवे पर 500 रुपये में लोगों को गोमूत्र बेच रहा था। सूचना के बाद पुलिस ने इस शख्स को गिरफ्तार कर लिया। मालूम हो कि  केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस से संक्रमित रोगी के इलाज के लिए एचआईवी रोधी दवाइयां ‘लोपीनेवीर और रीटोनेवीर’ देने की सिफारिश की है।

रोगी की स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मामला-दर-मामला इन दवाइयों का इस्तेमाल किया जाएगा।  मंत्रालय ने मंगलवार को जारी ‘कोविड-19 के क्लीनिकल प्रबंधन’ पर संशोधित दिशानिर्देशों में मधुमेह से ग्रसित, किडनी रोगियों, फेफड़े की बीमारियों से ग्रसित 60 वर्ष से अधिक उम्र के अत्यधिक जोखिम वाले समूहों के लिए लोपीनेवीर और रीटोनेवीर दवाइयों की सिफारिश की है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक एम्स के चिकित्सकों, रोग नियंत्रण राष्ट्रीय केंद्र (एनसीडीसी) और डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञों सहित अन्य की सदस्यता वाली एक कमेटी ने उपचार दिशानिर्देशों की समीक्षा की और कोरोना वायरस संक्रमण से ग्रसित रोगियों के सहयोगी इलाज की सिफारिश की।