पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने किसानों को नए साल का तोहफा दिया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, ”हमने दो कार्यक्रमों की घोषणा की है, पहला यह कि फसल बीमा के लिए प्रीमियम राज्य सरकार के द्वारा भरा जाएगा। दूसरे कार्यक्रम में हम सलाना हर किसान को 5000 रुपये प्रति एकड़ देंगे, 18-80 उम्र के बीच के किसानों की मृत्यु पर परिवार को 2 लाख रुपये का मुआवजा भी दिया जाएगा।” सीएम ममता ने कहा कि कृषक बंधू योजना से 72 लाख किसानों को लाभ मिलने की उम्मीद है। ममता सरकार ने ऐसे समय किसानों का राहत देने का कदम उठाया है जब 2019 के लोकसभा चुनाव करीब हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक कृषि विभाग के द्वारा पैसों का भुगतान किया जाएगा। ममता सरकार के दोनों कार्यक्रम जनवरी से लॉन्च हो जाएंगे और फरवरी से किसान राहत के लिए आवेदन कर सकेंगे।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक पिछले हफ्ते मुख्यमंत्री ने केंद्र की मोदी सरकार की आलोचना की थी कि वह कृषि योजनाओं पर किसानों को गुमराह कर रही है। ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर इस योजना के लिए झूठा श्रेय लेने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था लागत का 80% उनकी सरकार ने अदा किया था।
W. Bengal CM: We’ve announced 2 programmes; first is for crop insurance where premium will be paid by state govt. In second we’ll give Rs 5000 per acre annually to farmers, also in case of death of a farmer b/w age of 18-60, compensation up to Rs 2lakh will be given to the family pic.twitter.com/s8CyMu0sck
— ANI (@ANI) December 31, 2018
बता दें कि ममता बनर्जी सरकार और केंद्र की मोदी सरकार में लगभग हर मोर्चे पर ठनी है। बीजेपी काफी दिनों से पश्चिम बंगाल में रैली करने का प्रयास कर रही है और ममता बनर्जी बीजेपी की रैली को हरी झंडी देने से इनकार कर रही हैं। अमित शाह की प्रस्तावित रथयात्रा का मामला पहले हाईकोर्ट और अब सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा है। वहीं, ममता सरकार ने अपने अधिकारियों को आदेश दिया है कि राज्य का कोई भी डेटा केंद्र के साथ साझा न किया जाए।
ममता बनर्जी का कहना है कि केंद्र सरकार अपने राजनीतिक फायदे के लिए बंगाल सरकार पर डेटा साझा करने का दबाव बना रही है। सीएम ममता ने अधिकारियों से कहा कि अपना पूरा डेटा सुरक्षित रखने के लिए सभी विभाग अपना-अपना पोर्टल बनवाएं।