Lok Sabha Election Results 2019 जब सामने आए तो बीजेपी को सबसे ज्यादा खुशी पश्चिम बंगाल को लेकर हुई होगी। लोकसभा चुनाव की घोषणा के काफी पहले ही साफ हो गया था कि भाजपा की प्राथमिकता सूची में पश्चिम बंगाल काफी ऊपर है। पूरे चुनाव प्रचार के दौरान जिस प्रकार से पीएम मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने यहां मोर्चा खोला था, यह देखकर राजनीतिक जानकार भी कह रहे थे कि बंगाल को लेकर भाजपा ने लंबी योजना बनाई है। चुनाव प्रचार के दौरान अमित शाह बंगाल में 23 सीटें जीतने का दावा करते रहे। तृणमूल कांग्रेस इसका मजाक उड़ाती रही। जब नतीजे आए तो अमित शाह का दावा काफी हद तक सही साबित हुआ। भाजपा ने बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में से 18 पर कब्जा जमा लिया।
चुनाव परिणाम आने के बाद मंत्रिमंडल में बंगाल के प्रतिनिधित्व को लेकर अटकलें तेज हो गईं। कहा जाने लगा कि बंगाल में भाजपा सिर्फ लोकसभा नहीं बल्कि विधानसभा चुनाव भी जीतना चाहती है। जब भाजपा को 18 सीटें मिलीं तो कहा जाने लगा कि 2021 में यहां होने विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा कुछ खास करेगी। संभावना जताई जा रही थी कि इस बार केंद्रीय कैबिनेट में बंगाल को अच्छा-खासा प्रतिनिधित्व मिलेगा। गुरुवार (30 मई) को दिनभर अटकलें चलती रहीं कि किसके पास शाह या पीएमओ से फोन आया। शाम को जब शपथ ग्रहण समारोह हुआ तो बंगाल के सिर्फ दो चेहरे नजर आए।
National Hindi News, 31 May 2019 LIVE Updates: पढ़ें आज की बड़ी खबरें
कयास लगाए जा रहे थे कि पश्चिम बंगाल को कम से कम दो कैबिनेट और कम से कम 2-3 राज्य मंत्री मिलेंगे, हुआ बिल्कुल उलट। जिन दो चेहरों को मोदी मंत्री परिषद में शामिल किया गया है, उनमें से बाबुल सुप्रियो पिछली सरकार में भी राज्यमंत्री ही थे। संभावना थी कि उनका प्रमोशन होगा। इस बार उन्होंने आसनसोल सीट पर तृणमूल की स्टार प्रत्याशी मुनमुन सेन को हराया है। वो भी पिछले चुनाव की तुलना में लगभग दोगुने मतों के अंतर से। बाबुल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी माने जाते हैं, इसलिए उन्हें मंत्री बनाने में कोई अड़चन नहीं आई। दूसरी ओर राज्यमंत्री बनीं देबोश्री चौधरी भाजपा प्रमुख अमित शाह के वादे के चलते मंत्री बनी हैं। रायगंज में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए शाह ने मतदाताओं से कहा कि था कि यदि आप देबोश्री को चुनकर भेजते हैं तो वो केंद्र में मंत्री बनेंगी। शाह ने अपना वादा निभाया।
(कोलकाता से पूनम चौधरी की रिपोर्ट)