भवानीपुर का चुनाव सीएम ममता बनर्जी के लिए खासा अहम है। चुनाव जीतने के लिए तृणमूल एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है लेकिन बीजेपी भी पीछे नहीं रहना चाहती। दोनों के बीच जोरदार कशमकश चल रही है। इसी कड़ी में बीजेपी उम्मीदवार के पोलिंग एजेंट ने भवानीपुर के रिटर्निंग ऑफिसर के पास शिकायत दर्ज कराकर ममता को घेरने की कोशिश की। उनका आरोप है कि ममता ने अपने शपथ पत्र में खुद पर दर्ज पांच पुलिस केसों का ब्योरा नहीं दिया।
बीजेपी उम्मीदवार के एजेंट ने अपनी शिकायत में मीडिया में छपी खबरों का ब्योरा दिया है। 2018 की इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक असम में ममता के खिलाफ कुल पांच केस दर्ज हो चुके हैं। ये मामले एनआरसी पर ममता की तीखी टिप्पणी के बाद दर्ज किए गए थे। तब ममता ने कहा था कि उनके खिलाफ कितने भी केस दर्ज हो जाए पर वह अपनी आवाज को बुलंद करती रहेंगी। ममता ने यह भी कहा था कि वह बंगाल में एनआरसी को लागू नहीं होने देंगी।
बंगाल का सीएम बने रहने के लिए ममता को भवानीपुर से चुनाव जीतना जरूरी है। ममता बनर्जी भवानीपुर सीट के लिए नामांकन दाखिल कर चुकी हैं। ममता बनर्जी ने कोलकाता में ही नामांकन दाखिल किया था। विधानसभा चुनाव में ममता नंदीग्राम सीट से चुनाव लड़ी थीं, लेकिन उन्हें भाजपा के सुवेंदु अधिकारी ने हरा दिया था। बीजेपी ने प्रियंका टिबरेवाल को उनके खिलाफ उतारा है। प्रियंका टिबरेवाल भी अपना नामांकन दाखिल कर चुकी हैं।
West Bengal: Election agent of BJP candidate for Bhabanipur constituency Priyanka Tibrewal writes to Returning Officer, objecting nomination/declaration filed by TMC's candidate & CM Mamata Banerjee, failing to disclose particulars of pending criminal proceedings against her pic.twitter.com/hhLIgyYZ2X
— ANI (@ANI) September 14, 2021
प्रियंका टिबरेवाल भाजपा नेता बाबुल सुप्रियो की कानूनी सलाहकार रह चुकी हैं। 2015 में प्रियंका टिबरेवाल ने भाजपा उम्मीदवार के रूप में वार्ड संख्या 58 (एंटली) से कोलकाता नगर परिषद का चुनाव लड़ा था, लेकिन तृणमूल कांग्रेस से हार गईं थीं। भवानीपुर सीट पर 30 सितंबर को मतदान होगा। मतगणना तीन अक्तूबर को होगी। उपचुनाव के लिए चुनाव आयोग ने नामांकन से पहले और बाद के जुलूस पर प्रतिबंध लगाए हैं। प्रचार के लिए 50 फीसदी लोगों की मौजूदगी की अनुमति दी गई है।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी और ममता के बीच जोर आजमाइश लगातार चल रही है। चाहें नारदा मामले में ममता के मंत्री को अरेस्ट करने का मामला हो या फिर चुनाव बाद हिंसा का। तकरीबन सभी मामलों में दोनों के बीच एक दूसरे को मात देने का खेल चल रहा है। पीएम मोदी की मीटिंग में न जाने के मामले ने भी खासा तूल पकड़ा था। इस मामले में चीफ सेक्रेट्री को ममता ने दिल्ली भेजने से इनकार तक कर दिया था।