पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने एसएसकेएम अस्पताल के हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टरों पर उनके दौरे के समय अपशब्द बोलने का आरोप लगायाा। उन्होंने बृहस्पतिवार रात को एक बांग्ला समाचार चैनल से बातचीत में कहा, ‘मैं आपातकालीन विभाग में गयी थी जहां वे मुझसे बात कर सकते थे, लेकिन जब मैं वहां थी तो उन्होंने जिस भाषा का इस्तेमाल किया, वह मुझे अपशब्द बोलने जैसा था।’

डॉक्टर कोलकाता में एनआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक मरीज की मौत के बाद भीड़ द्वारा अपने दो सहर्किमयों पर हमले के मद्देनजर प्रदर्शन कर रहे हैं। डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से कई सरकारी अस्पतालों एवं मेडिकल कॉलेजों अस्पतालों में तीसरे दिन भी आपातकालीन वार्ड, ओपीडी सेवाएं, पैथोलॉजिकल इकाइयां बंद रही।

वहीं,  मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनकारियों पर बरसते हुए विपक्षी भाजपा और माकपा पर उन्हें भड़काने तथा मामले को सांप्रदायिक रंग देने का आरोप लगाया। इससे पहले विपक्ष ने गतिरोध के लिए बनर्जी पर हमला किया है और भाजपा ने उनपर ‘हिटलर’ की तरह काम करने का आरोप लगाया।

इससे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक फेसबुक पोस्ट में हड़ताल की वजह से मरीजों की खराब हालात की बात की। उन्होंने दावा किया कि सरकार डॉक्टरों के साथ सहयोग कर रही है। उन्होंने एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में दो जूनियर डॉक्टरों को आई चोटों को दुर्भाग्यपूर्ण कहा। ममता ने कहा कि इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

4 घंटे में काम पर लौटने का दिया था अल्टीमेटमः इससे पहले सीएम ममता बनर्जी ने चिकित्सकों को चार घंटे के भीतर काम पर लौटने को कहा था लेकिन बाद में समय-सीमा में संशोधन करके इसे अपराह्न दो बजे कर दिया। उन्होंने ऐसा नहीं करने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी और कहा कि उन्हें छात्रावास खाली करने होंगे।

बनर्जी की समय सीमा के बावजूद डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल जारी रखी।डॉक्टरों की एक टीम ने इस मुद्दे पर राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी से मुलाकात की थी।

मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने दिया इस्तीफाः इस बीच एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के प्रिंसिपल सैबाल मुखर्जी तथा मेडिकल सुपिरिटेंडेंट एवं वाइस प्रिंसिपल प्रो. सौरभ चटोपाध्याय ने संस्थान के संकट से निपटने में विफल रहने की वजह से इस्तीफा दे दिया।

(भाषा से इनपुट के साथ)