पश्चिम बंगाल में बीएसएफ के क्षेत्राधिकार विस्तार को लेकर तृणमूल और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप जारी है। ममता सरकार केंद्र के इस कानून के खिलाफ विधानसभा में एक प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रही है। जिसका बीजेपी विरोध कर रही है।

तृणमूल के इस प्रस्ताव के खिलाफ बीजेपी लगातार ममता बनर्जी पर निशाना साध रही है। भाजपा विधायक अग्निमित्रा पॉल ने ममता सरकार पर निशाना साधते हुए कहा- “प्रस्ताव लाने की क्या बात है? बंगाल अब एक आतंकवादी केंद्र है। सरकार ने बाड़ लगाने के लिए 631 किमी जमीन क्यों नहीं दी? सभी भाजपा विधायक 17 तारीख को इस प्रस्ताव का विरोध करेंगे”।

पॉल ने आगे कहा- “क्या सीएम ममता बनर्जी नहीं चाहती कि हमारी अंतरराष्ट्रीय सीमाएं मजबूत हों, जैसा केंद्र चाहता है? हमें लगता है कि ऐसा इसलिए है क्योंकि टीएमसी शायद तस्करों और अपराधियों से जुड़ी हुई है। पॉल के इस बयान के बाद सोशल मीडिया यूजर्स भड़क गए और विधायक पर जमकर पलटवार किया।

समीर(@iSamirRoy) ने इस बयान पर रिप्लाई करते हुए लिखा- “ये गुजरात-पाक सीमा की बात कर रही हैं, इसमें ममता क्या कर सकती हैं”?

एक अन्य यूजर रोहन देसाई (@4Ronnie7) ने लिखा- “अंतर्राष्ट्रीय सीमाएं इतनी सुरक्षित कि चीन घुसा, संपत्ति में तोड़फोड़ की और फिर वापस चला गया”।

सुनील मेहता (@SunilMehta002) ने इस कानून के लिए केंद्र पर निशाना साधते हुए लिखा- “जब पिछली सरकारों में केंद्रीय बलों को 15 किलोमीटर तक सीमित करने में कोई समस्या नहीं थी, तो भाजपा सरकार को मुख्य रूप से उन राज्यों में अधिकार क्षेत्र क्यों बढ़ाना चाहिए जहां वे सत्ता में नहीं हैं? यह संविधान के नियमों का उल्लंघन कर संघीय ढांचे को नष्ट करने का स्पष्ट मामला है”।

सुभजीत दास (@subhojitmac77) ने विधायक पर हमला बोलते हुए लिखा -“यह भाजपा विधायक अग्निमित्रा पॉल अपनी जीत के बाद कभी अपने क्षेत्र का दौरा नहीं की…एक भी विकास परियोजना शुरू नहीं करने के कारण उनके अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों ने उनके खिलाफ कई बार आंदोलन किया… उन्हें पहले अपना कर्तव्य करना चाहिए”।

बता दें कि केंद्र सरकार ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) कानून में संशोधन कर इसे पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में अंतरराष्ट्रीय सीमा से मौजूदा 15 किलोमीटर की जगह 50 किलोमीटर के बड़े क्षेत्र में तलाशी लेने, जब्ती करने और गिरफ्तार करने की शक्ति दे दी है। जिसके बाद से इस कानून के खिलाफ विवाद खड़ा हो गया। पंजाब भी इस कानून के खिलाफ प्रस्ताव पास कर चुका है।