BJP vs TMC: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल सिन्हा ने गुरुवार को आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में सभी बलात्कारी तृणमूल कांग्रेस के हैं। बीजेपी नेता के इस बयान के बाद टीएमसी और भाजपा के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया।
कोलकाता में भाजपा कार्यालय में ‘भाई दूज’ (भाई फोन्टा) समारोह के दौरान पश्चिम बंगाल में महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठाते हुए सिन्हा ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के समर्थन से राज्य में बलात्कार के मामले बढ़े हैं। उन्होंने कहा, “महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामले में एक महिला मुख्यमंत्री ने राज्य को देश में पहले स्थान पर पहुंचा दिया है। सीएम ने कहा कि रेप मामूली घटना है। वह पैसों से रेप के मामलों को सुलझाना चाहती हैं। ऐसे में रेप के मामले बढ़ेंगे या घटेंगे? राज्य में सौ फीसदी बलात्कारी तृणमूल के लोग हैं, किसी अन्य पार्टी से कोई नहीं है।”
बंगाल में महिलाओं को मजबूत भाइयों की जरूरत: भाई दूज कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि अभी बंगाल में महिलाओं को मजबूत भाइयों की जरूरत है क्योंकि राज्य महिलाओं के शोषण के मामले में नंबर वन है। वहीं, दूसरी ओर राहुल सिन्हा पर तंज कसते हुए पश्चिम बंगाल की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा, ‘मैं तृणमूल कांग्रेस को बदनाम करने वाले विपक्षी दलों को शुभकामनाएं देता हूं। मैं एक बहन के रूप में विपक्षी दल के लोगों के लंबे और स्वस्थ जीवन की कामना करती हूं। मुझे उम्मीद है कि अगर वो हमारा अपमान करते हैं तो भी वो समृद्ध होंगे।”
केंद्र सरकार की रिपोर्ट सबूत: चंद्रिमा भट्टाचार्य ने आगे कहा, ‘दीदी के राज्य में बंगाल कितना सुरक्षित है इसका सबूत केंद्र सरकार की एक रिपोर्ट में मिला है। फालतू बातें कहने वालों को भाजपा शासित राज्य में जाना चाहिए और वहां तथ्यों की जांच करनी चाहिए। केंद्रीय रिपोर्ट से पता चला कि कोलकाता देश का सबसे सुरक्षित शहर है और भारत का सबसे असुरक्षित शहर दिल्ली केंद्रीय गृहमंत्री के हाथ में है। इसलिए भाजपा नेताओं के इस तरह के बयान विपक्ष के लिए विरोध के अलावा और कुछ नहीं हैं।”
भाजपा शासित राज्यों में हिंसा के ज्यादातर मामले: पश्चिम बंगाल के संसदीय मंत्री सोवनदेब चट्टोपाध्याय ने कहा, “मैं इस तरह के बयानों का जवाब नहीं देना चाहता। मैं केवल इतना कहना चाहता हूं कि भाजपा को शिकायत करने से पहले तथाकथित डबल इंजन वाली सरकारों को देखना चाहिए। राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो की रिपोर्ट कहती है कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा के ज्यादातर मामले भाजपा शासित राज्यों में होते हैं।”