देश के अधिकांश हिस्से इस समय भीषण गर्मी से त्रस्त हैं। लेकिन इस बीच उत्तर प्रदेश में शुक्रवार (7 मई) को बारिश के साथ आए आंधी-तूफान से गर्मी से तो राहत मिली लेकिन इससे करीब 28 लोगों की मौत हो गई। आंधी-तूफान के चलते कई जगहों पर पेड़ और घरों के गिरने की भी खबर है। प्रदेश के जिन इलाकों में आंधी-तूफान से मौत हुई उनमें कासगंज, मैनपुरी, एटा, आगरा, रामपुर, बदायूं और पीलीभीत जैसे क्षेत्र शामिल हैं। प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रूपये मुआवजा देने की घोषणा की है। वहीं स्काईमेट वेदर के मुताबिक मानसून के दिल्ली आने में कम से कम एक सप्ताह की देरी हो सकती है।
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दिन भर गर्मी शाम को आंधी-तूफान: बता दें कि उत्तर प्रदेश में कल सुबह से ही तेज धूप निकलने से उमस भरी गर्मी ने लोगों को जमकर परेशान किया। लेकिन शाम होते-होते मौसम ने करवट ली और तेज बारिश के साथ आए आंधी-तूफान ने भयंकर तबाही मचाई। इस दौरान आंधी-तूफान और बिजली गिरने से 28 की मौत हो चुकी है। जिसके बाद यूपी सरकार के 6 मंत्री प्रभावित जिलों का दौरा करेंगे। इसमें कासगंज में तीन, मैनपुरी में छह और एटा में भी तीन लोगों की मौत हुई। जबकि आगरा, रामपुर, बदायूं और पीलीभीत से एक-एक शख्स की मौत की खबर है। इसके अलावा आंधी-तूफान में घायल हुए लोगों का इलाज अस्पताल अभी जारी है।
बारिश के बाद मिली राहत: मानसून से पहले हुई बारिश से लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत मिली है। साथ ही ओलों के गिरने से भी मौसम सुहाना हो गया। लेकिन इस दौरान फसलों को काफी नुकसान हुआ है। मौसम विभाग के अनुसार अभी भी यूपी में हल्की बूंदा-बांदी के आसार हैं। लेकिन पूर्णतया बारिश नहीं होगी।
दिल्ली का मौसम: देश की राजधानी दिल्ली में मानसून के आगमन में दो-तीन दिनों की देरी की आशंका जताई जा रही है। हालांकि बारिश के सामान्य रहने का अनुमान है। स्काईमेट वेदर के मुताबिक मानसून के दिल्ली आने में कम से कम एक सप्ताह की देरी हो सकती है। यहां पारा 46 डिग्री सेल्सियम तक पहुंच गया था। जिसके चलते लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया था। वहीं बेंगलुरु में भी करीब 95 बिजली के खंभे टूट गए और 83 पेड़ भी टूटकर गिर गए। इस दौरान आरआर नगर, गट्टीगेरे, हनुमंतनगर इलाके सबसे अधिक प्रभावित हुए।