रविक भट्टाचार्य/अत्री मित्रा

पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले में सीबीआई ने विशेष अदालत में एक बड़ा खुलासा किया है। सीबीआई ने कहा कि अगस्त महीने में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने टीएमसी विधायक माणिक भट्टाचार्य के परिसर से एक पत्र बरामद किया था, जो मुख्यमंत्री के नाम लिखा गया था। इस पत्र में टीएमसी यूथ कांग्रेस के महासचिव के ऊपर उम्मीदवारों से 7-7 लाख रुपए लेने का आरोप लगाया गया था। इस पत्र में लिखा था कि 44 उम्मीदवारों में से प्रत्येक से 7 लाख रुपए लिए गए थे।

ऐसा पहली बार हुआ है कि जब शिक्षक भर्ती घोटाले में केंद्रीय एजेंसी ने अदालत में मुख्यमंत्री का जिक्र किया हो। सोमवार को ईडी ने अदालत में यह खुलासा किया। हालांकि पत्र की तारीख और उस व्यक्ति का नाम जिसने कथित तौर पर इसे लिखा था या फिर टीएमसी युवा महासचिव, जिसने कथित रूप से पैसे इकट्ठा किए थे, उनका नाम नहीं बताया गया है।

बता दें कि ईडी ने माणिक भट्टाचार्य को 11 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद विशेष अदालत ने उन्हें 14 दिनों के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया था। 20 जून को उच्च न्यायालय के आदेश पर माणिक भट्टाचार्य ने पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन का पद छोड़ा था। 2011 से वह लगातार इस पद पर बने हुए थे।

ईडी ने कोर्ट में बताया, “माणिक भट्टाचार्य के परिसरों में की गई तलाशी के दौरान जब्त किए गए दस्तावेजों से पता चला कि उनके परिसर से एक पत्र प्राप्त हुआ था, जिसमें बंगाल की मुख्यमंत्री को संबोधित किया गया था। इस पत्र से पता चला कि 44 उम्मीदवारों को नौकरी देने के बदले प्रत्येक उम्मीदवार से 7 लाख रुपए की अवैध राशि ली गई थी। यह राशि बंगाल प्रदेश के तृणमूल युवा कांग्रेस के महासचिव द्वारा एकत्र की गई थी। 27 जुलाई 2022 और 10 अक्टूबर 2022 को भट्टाचार्य से इस संबंध में सवाल पूछा गया और दोनों मौकों पर उन्होंने अलग और विरोधाभासी जवाब दिया और जांच को गुमराह करने की कोशिश की।”

वहीं ईडी के दावे पर टीएमसी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा, “हम इस तथाकथित पत्र या ईडी की दलील पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं। जब तक हमें यह नहीं पता चलेगा कि ईडी ने यह सब क्यों नहीं लिखा, हम इस पर टिप्पणी नहीं कर सकते।” माणिक भट्टाचार्य को ईडी ने 11 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था

ईडी ने यह भी आरोप लगाया कि माणिक भट्टाचार्य के परिवार के सदस्यों के बैंक खातों में बड़ी मात्रा में पैसा जमा किया गया था और ऐसे धन के स्रोत के बारे में पूछे जाने पर वह साफ नहीं बता रहें थे। ईडी ने यह भी दावा किया कि भट्टाचार्य के परिसर से जब्त की गई सीडी में उम्मीदवारों के रोल नंबर के साथ उनके नाम उपलब्ध थे। ऐसे 61 नामों में से 51 उम्मीदवारों का चयन किया गया था।