विश्व हिंदू परिषद (VHP) के अंतरराष्ट्रीय महासचिव मिलिंद परांडे ने बंगाल में ममता बनर्जी सरकार पर हिंदुओं के साथ भेदभावपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि उनके हाल के बयानों से हिंदुओं के सामने गंभीर संकट पैदा हो गया है। इससे लोगों में असुरक्षा की भावना बढ़ेगी। बुधवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया था कि राज्य में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) से लोग डरे हुए हैं। उनका कहना था कि अपनी नागरिकता खोने के डर से राज्य में 11 लोगों ने आत्महत्या कर ली है। वहीं भाजपा ने दावा किया कि राज्य में एनआरसी लागू होगा लेकिन किसी भी हिन्दू को देश नहीं छोड़ना पड़ेगा।
बयान से आंतरिक सुरक्षा को खतरा : बुधवार को कोलकाता में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने बयान में लोगों से NRC (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस) नेट से बचने के लिए अपने व्यक्तिगत दस्तावेज खोने पर पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराने के लिए कहा है। यह देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा है। मुख्यमंत्री को NRC के खिलाफ इस तरह के बयान नहीं देने चाहिए।
ममता ने दिया था एफआईआर की सलाह : दरअसल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एनआरसी के मुद्दे पर लगातार विरोध का रवैया अपनाई हुई हैं। उन्होंने सोमवार को लोगों से व्यक्तिगत दस्तावेज और संपत्ति के कागजात नहीं होने पर थाने में जाकर प्राथमिकी दर्ज करने को कहा था। इस पर भाजपा समेत कई संगठनों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी।
हिंदुओं को संरक्षण की वकालत : विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने लोगों को आश्वासन दिया कि दुनिया में कहीं से भी आने वाली अल्पसंख्यक हिंदू आबादी को आश्रय, संरक्षण और नागरिकता दी जानी चाहिए। कहा कि बांग्लादेश और म्यांमार से आने वाले मुस्लिमों को घुसपैठिया माना जाना चाहिए और उन्हें यहां से बाहर निकाल देना चाहिए। परांडे ने कहा कि इस मामले में हिंदुओं की रक्षा के लिए नागरिकता संशोधन बिल का पारित होना बहुत जरूरी है।